2024-25 में अब तक भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.78 लाख करोड़ पर पहुंचा

Feb 12, 2025

नई दिल्ली,। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक भारतका शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.69 फीसदी से बढ़कर 17.78 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक शुद्ध गैर-कॉर्पोरेट करों से संग्रह, जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर भी शामिल है, जो पिछले साल की तुलना में 21 फीसदी बढ़कर करीब 9.48 लाख करोड़ हो गया है। 1 अप्रैल, 2024 से 10 फरवरी, 2025 के बीच शुद्ध कॉर्पोरेट कर संग्रह 6 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 7.78 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया। 

इस वित्त वर्ष में अब तक प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) से शुद्ध संग्रह 65 फीसदी बढ़कर 49,201 करोड़ रुपए हो गया है। इस अवधि में 4.10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के रिफंड जारी किए गए हैं, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 42.63 फीसदी ज्यादा है। 10 फरवरी तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.06 फीसदी बढ़कर 21.88 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा पर पहुंच गया।

चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान (आरई) में सरकार ने कुल आयकर संग्रह 12.57 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया है, जो बजट अनुमान 11.87 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। इस वित्त वर्ष में एसटीटी से संग्रह 55,000 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो बजट अनुमान (बीई) 37 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। कॉरपोरेट कर संग्रह लक्ष्य को संशोधित कर 9.80 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया है, जो बजट लक्ष्य 10.20 लाख करोड़ रुपए से कम है। कुल मिलाकर संशोधित अनुमान में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.37 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है, जो बजट अनुमान के 22.07 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 फरवरी को नए आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस सप्ताह लोकसभा में नया प्रत्यक्ष कर कोड पेश किए जाने की उम्मीद है। नया कर विधेयक देश की कर प्रणाली में सुधार के बड़े प्रयास का एक हिस्सा है और इसका उद्देश्य मौजूदा कर ढांचे में सुधार कर इसे और ज्यादा सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाना है। वहीं वित्त मंत्री सीतारमण ने संकेत दिया था कि विधेयक को जांच के लिए संसदीय समिति के पास भेजा जाएगा।




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