शिक्षा में निवेश के मामले में भारत ने कई पड़ोसी देशों को पछाड़ा

Okt 24, 2024

- भारत का शिक्षा पर सरकारी खर्च इसी अवधि में 13.5 से 17.2 फीसदी के बीच रहा है 

मुंबई । संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने हाल ही में भारत की शिक्षा बजट में आवंटन को लेकर सराहना की है। रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से 2024 के बीच भारत ने अपनी जीडीपी का 4.1 फीसदी से 4.6 फीसदी शिक्षा के लिए आवंटित किया है, जो शिक्षा 2030 फ्रेमवर्क फॉर एक्शन के निर्धारित अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। इस फ्रेमवर्क के तहत देशों को जीडीपी का 4-6 फीसदी शिक्षा के लिए खर्च करने की सिफारिश की गई है। यूनेस्को इंस्टीट्यूट फॉर स्टैटिस्टिक्स की नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत का शिक्षा पर सरकारी खर्च इसी अवधि में 13.5 फीसदी से 17.2 फीसदी के बीच रहा है, जो एजुकेशन 2030 के लक्ष्य के अनुरूप है। यह लक्ष्य सरकारों को सार्वजनिक व्यय का 15-20 फीसदी शिक्षा में खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करता है।रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का शिक्षा निवेश अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बना हुआ है और वह अपने पड़ोसी देशों की तुलना में अधिक निवेश कर रहा है। नेपाल और भूटान जैसे देशों के विपरीत, जहां जीडीपी का 4-6 फीसदी शिक्षा पर खर्च होता है, भारत का खर्च जीडीपी और सरकारी व्यय के प्रतिशत के मामले में अफगानिस्तान और पाकिस्तान से कहीं अधिक है।

रिपोर्ट में इस बात पर रोशनी डाली गई है कि कुल खर्च के प्रतिशत के रूप में, विश्व औसत में गिरावट आ रही है। मध्य और दक्षिणी एशिया के देश 2010 के दशक की तुलना में अधिक निवेश कर रहे हैं। अन्य क्षेत्रों में गिरावट देखी गई है। साल 2022 में, मध्य और साउथ एशिया में जीडीपी के प्रतिशत के रूप में शिक्षा पर भारत का खर्च केवल भूटान (7.5 प्रतिशत), कजाकिस्तान (7.2 प्रतिशत), मालदीव (4.7 प्रतिशत), ताजिकिस्तान (5.7 प्रतिशत) और उज्बेकिस्तान (5.2 प्रतिशत) से कम है। पूरे एशिया की तुलना में भारत का व्यय चीन और जापान जैसे देशों से अधिक है। वैश्विक स्तर पर, शिक्षा पर सार्वजनिक व्यय के विश्व औसत में गिरावट देखी गई है, जो 2010 में 13.2 प्रतिशत से घटकर 2020 में 12.5 प्रतिशत हो गई है, जिसमें कोविड-19 महामारी के बाद उल्लेखनीय कमी आई है।



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