बांग्लादेश में गर्भवती महिला सहित एक ही हिंदु परिवार के 4 लोगों को मौत के घाट उतारा

ढाका। बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद हिंदुओं को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। आए दिन उनकी हत्याएं हो रही हैं। हाल ही में किशोरगंज जिले के भैराब शहर में एक ही हिंदू परिवार के चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। मृतकों में एक गर्भवती महिला भी शामिल है। ये सभी एक अपार्टमेंट में मृत पाए गए। मृतकों की पहचान 32 वर्षीय जॉनी बिस्वास, उनकी गर्भवती पत्नी और उनके दो बच्चों के रूप में हुई है। पुलिस ने बुधवार को हत्या का मामला दर्ज किया। जबकि आशंका जताई जा रही है कि इस परिवार की हत्या की गई है।

पुलिस प्रशासन इस हत्याकांड को आत्महत्या की तरह पेश कर रहा है। स्थानीय पुलिस ने कहा है कि जॉनी ने अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या करने के बाद खुद को भी मौत के घाट उतार लिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हम जांच कर रहे हैं। इस खौफनाक घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बन गई है। बता दें कि बांगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में तेजी देखी जा रही है। अधिकारियों ने मामले की गहराई से जांच करने और समुदाय में बढ़ते डर को कम करने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

बांग्लादेश के पूर्व विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा है कि भारत विरोधी बयानबाजी और कट्टरपंथियों एवं आतंकवादी ताकतों को बढ़ावा देना परस्पर संबंधित रणनीतियां हैं, जिन्होंने बांग्लादेश को पूर्ण अराजकता की ओर धकेल दिया है। उन्होंने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लेदश की अंतरिम सरकार पर लोकतंत्र को भीड़तंत्र में तब्दील करने का आरोप लगाया। महमूद ने जोर देकर कहा कि हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमलों का घटनाक्रम एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यक विरोधी भावना को दर्शाता है जो चरमपंथी बयानबाजी से मेल खाती है, जिससे धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा दोनों खतरे में पड़ रहे हैं। इस बीच, बांग्लादेश के चटगांव शहर में एक वकील की हत्या और एक प्रमुख हिंदू नेता की गिरफ्तारी को लेकर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने के आरोप में कम से कम 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के बाद बिगड़े हालात के बाद अपना देश छोड़कर आए महमूद ने हाल ही में एक अज्ञात स्थान से टेलीफोन पर एक विशेष साक्षात्कार में पीटीआई को बताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को खतरनाक करार दिया। उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी सहित चरमपंथी समूह सक्रिय हो गए हैं।


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