
डीएनए टेस्ट से हुआ चौंकाने वाली सच्चाई से सामना
Dec 16, 2024
वॉशिंगटन । अमेरिकी नागरिक जेना गेरवाटोव्स्की ने भी अपनी जड़ें जानने के लिए डीएनए टेस्ट कराया, लेकिन इस कदम ने उसे एक चौंकाने वाली सच्चाई से रूबरू करवा दिया। अमेरिकी महिला जेना को कभी नहीं पता था कि यह टेस्ट उसकी जिंदगी को इस हद तक बदल देगा।
एक दिन, जब जेना फूलों की दुकान पर काम कर रही थी, उसे एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। हालांकि, वह अक्सर अज्ञात नंबर का फोन नहीं उठाती थी, लेकिन इस बार उसने फोन उठा लिया। यह कॉल मिशिगन पुलिस का था, जिन्होंने जेना से पूछा कि क्या उसने बेबी गार्नेट मामले के बारे में सुना है। जेना हैरान थी, क्योंकि यह वही मामला था, जिसने 1997 में शहर में हलचल मचाई थी। उस समय एक मृत नवजात बच्चा टॉयलेट के पास पाया गया था, और पुलिस ने इसे एक अनसुलझा केस मानकर बंद कर दिया था। 30 साल बाद पुलिस ने जेना से संपर्क किया और बताया कि उसका डीएनए उस मृत बच्चे के डीएनए से मेल खाता है। इसका मतलब था कि जेना का उस बच्चे से कोई रिश्ता हो सकता है। यह सुनकर जेना की मां, कारा, ने इसे पहले फर्जी मान लिया और बेटी को सलाह दी कि वह किसी भी निजी जानकारी को साझा न करे। लेकिन एक हफ्ते बाद, जेना के पास मिस्टी गिलिस नामक डीएनए विशेषज्ञ का फोन आया, जिन्होंने जेना से डीएनए डेटाबेस में अपनी जानकारी अपलोड करने का अनुरोध किया। हालांकि, जेना ने पासवर्ड देने से इनकार कर दिया। जब जेना घर पहुंची, तो उसकी मां और भाई की हालत देखकर वह घबरा गई। इसके बाद उसे पता चला कि वह बेबी गार्नेट से संबंधित है।
यह खुलासा हुआ कि उसकी दादी, नैन्सी गेरवाटोव्स्की, ने शादी से पहले एक बच्चा जन्म दिया था, जिसे दम घुटने से मौत हो गई थी। नैन्सी ने बच्चे को टॉयलेट के पास फेंक दिया था और पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश कर रही थी। अदालत ने नैन्सी पर हत्या का आरोप लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया। यह घटना न सिर्फ जेना के लिए, बल्कि उसके पूरे परिवार के लिए एक भावनात्मक झटका साबित हुई। बता दें कि परिवार का इतिहास जानने की इच्छा बहुत से लोगों के मन में होती है, और कई लोग इसके लिए डीएनए टेस्ट का सहारा लेते हैं।