अवैध कब्जों के लिए दिल्ली पुलिस और एमसीडी जिम्मेदार
Dec 24, 2024
नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय समय-समय पर राजधानी की सड़कों, रिहायशी इलाकों सहित अन्य स्थानों पर अतिक्रमण और अवैध कब्जों को हटाने के लिए दिशा-निर्देश देता रहता है। खासतौर पर बाजारों को किसी बड़े हादसे से बचाने के लिए विभिन्न महकमों को आदेश दिए जाते रहे हैं, लेकिन उच्च न्यायालय के समक्ष आई कुछ तस्वीरों ने बाजारों में फल-फूल रहे अतिक्रमण और अवैध कब्जे की पोल खोलकर रख दी है।
उच्च न्यायालय ने इसके लिए पुलिस और नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने अजमल खान रोड और करोलबाग मेट्रो स्टेशन के पास लगे बाजार की तस्वीरें देखकर अचंभा जताया। पीठ ने कहा कि यहां अतिक्रमण और अवैध कब्जे स्पष्ट नजर आ रहे हैं। इसके लिए सीधे तौर पर नई दिल्ली नगर निगम के अधिशासी अभियंता और करोलबाग थानाध्यक्ष जिम्मेदार हैं। पीठ ने इन दोनों अधिकारियों को इन हालात पर जवाब देने के लिए निजी तौर पर पेश होने को कहा है।
दोनों को सात जनवरी को पीठ के समक्ष पेश होना होगा। अजमल खान रोड पर तहबाजारी के तहत दुकान लगाने वाले पंकज चोपड़ा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि वह संबंधित स्थान पर वर्ष 2000 से दुकान चला रहे हैं। उन्होंने यह जगह आवंटित तहबाजारी के तहत ली है, लेकिन कानूनी तौर पर व्यापार करने की अनुमति के बावजूद उन्हें वहां से जबरन हटा दिया गया, जबकि बड़ी तादात में वहां अतिक्रमण और अवैध कब्जे पर दुकानें एवं फेरी वाले काम कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने अतिक्रमण अवैध कब्जे को गंभीर मुद्दा बताते हुए उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की थी।