खेल जगत में छाया रहा विनेश को अयोग्य घोषित करने का विवाद

नई दिल्ली । भारतीय खेल जगत में इस साल कई विवाद भी छाये रहे। इसमें ओलंपिक फाइनल से पहले ही महिला पहलवान वीनेश फोगाफ का अयोग्य घोषित होना रहा। इसके अलावा पहलवान बजरंग पर लगा प्रतिबंध भी छाया रहा। ओलंपिक में महिला पहलवान अंतिम पंघाल भी अपनी गलत तरीके से अपनी बहन को खेलगांव में पहुंचाने के कारण निशाने पर रहीं। 

विनेश फोगाट पेरिस

विनेश को ओलंपिक के फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य घोषित करने से भारतीय खेल जगत स्तब्ध हो गया। मुकाबले की सुबह उनका वजन 50 किग्रा की तय सीमा से लगभग 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। कुश्ती की वैश्विक संस्था के अनुसार आयोग्य पहलावन को प्रतियोगिता में अंतिम स्थान पर माना जाता है। इस कारण विनेश को रजत भी नहीं मिला। 

विनेश ने कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (कैस) के सामने रजत पदक देने की अपील की थी पर कैस ने उनकी अपील ठुकरा दी। 

बजरंग पर लगा प्रतिबंध

टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने 4 साल के लिए निलंबित कर दिया था। बजरंग ने मार्च में आयोजित हुए राष्ट्रीय ट्रायल्स के दौरान अपना डोप सैम्पल नहीं भेजा था। इसी कारण उन पर ये बड़ी कार्रवाई की गई थी। इससे अब बजरंग न तो किसी टूर्नामेंट या ट्रायल में भाग ले पाएंगे और न ही विदेशों में किसी को कोचिंग दे पाएंगे। 

अंतिम पंघाल

पेरिस ओलंपिक में भारत की एक महिला पहलवान अंतिम पंघाल के कारण भी खेल जगह को शर्मिंदगी उठानी पड़ी। पंघाल ने फर्जी तरीके से अपने पहचान पत्र के आधार पर अपनी बहन को खेलगांव के अंदर प्रवेश दिलाने का प्रयास किया था। 

सुरक्षा अधिकारियों ने अंतिम की बहन निशा पंघाल को एक्रेडिटेशन कार्ड का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा था। इस पंघाल ने अपने जवाब  में कहा था कि वह कुछ सामान खेलगांव में भूल गई थीं, जिसके लिए उन्होंने अपना एक्रिडिटेशन कार्ड बहन को दिया था। 


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