डामर के फर्जी बिलों के जरिए ठेकेदारों ने निकाले 37 करोड

Jan 23, 2025

- ईओडब्ल्यू मे मामला दर्ज, जांच शुरू 

भोपाल । लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों ने डामर के फर्जी बिल लगाकर सरकार को 37 करोड रुपए का चूना लगा दिया है। जबलपुर मंडला जिले मैं सड़क निर्माण के पांच ठेकेदारों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज किया गया है। इन लोगों ने फर्जी बिल लगाकर सरकार की खजाने से 37 करोड रुपए निकालकर धोखाधड़ी की है। 

एडी कंस्ट्रक्शन कंपनी के अनिल दुबे, विश्व कुसुम इन्फोटेक के अखिलेश मेहता वैष्णव एसोसिएट के धर्मेंद्र प्रताप सिंह लाल बहादुर यादव और अब्दुल अजीज के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। 

इन ठेकेदारों ने सड़क निर्माण के दौरान फर्जी बिल लगाकर भुगतान प्राप्त किया है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, एचपीसीएल, बीपीसीएल, एस्सार और नायरा जैसी बड़ी कंपनियों के नकली इनवॉइस बनाकर विभाग से भुगतान प्राप्त किया था। विभाग ने जब इन बिलों को सत्यापन के लिए कंपनियों को भेजा। उसके जवाब में कंपनियों ने कहा कि यह बिल उनके यहां के नहीं है। यह फर्जी बिल हैं। इसके बाद सरकार ने जांच के लिए आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो को दिया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में फर्जी डामर के बिल लगाकर अरबो रुपए का घोटाला किया गया है। यह मामला पहली बार पकड़ में आया है। लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार सड़क निर्माण में कम डामर का उपयोग करते हैं जिसके कारण कुछ ही महीनो में सड़के फिर खराब हो जाती हैं। इस फर्जी धंधे में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। पहली बार यह मामला पकड़ में आया है और अपराधी कार्रवाई शुरू की गई है


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