कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन

Aug 26, 2024

मुंबई, । महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नांदेड़ से लोकसभा सांसद वसंतराव चव्हाण का सोमवार को निधन हो गया. वसंत चव्हाण पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. पहले उन्हें नांदेड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने पर बीते 13 अगस्त को इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से उन्हें हैदराबाद के किम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहीं, इलाज के दौरान आधी रात के समय उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और सुबह 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. वंसत चव्हाण ने अस्वस्थ रहते हुए भी 2024 का लोकसभा चुनाव जीता था. उनके निधन से नांदेड़ जिले और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है.

- नाना पटोले ने दी श्रद्धांजलि

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर वंसत चव्हाण को श्रद्धांजलि दी. नाना पटोले ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद वसंतरावजी चव्हाण के निधन की खबर बेहद चौंकाने वाली है. वह विपरीत परिस्थितियों में भी हमेशा कांग्रेस पार्टी के प्रति ईमानदार रहे. इस दुख में पूरी कांग्रेस पार्टी चव्हाण परिवार के साथ है.”

- कौन थे वसंतराव चव्हाण?

राजनीतिक करियर की बात करें तो वसंतराव चव्हाण ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत नायगांव गांव के सरपंच के रूप में की थी. इसके बाद उन्होंने जिला परिषद में भी सेवाएं दीं और 2002 में जिला परिषद के लिए चुने गए. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में निर्दलीय के रूप में प्रवेश किया और नायगांव विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 2014 में वे कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें विधानसभा की लोक लेखा समिति में नियुक्त किया गया. इसके अलावा, वह जनता हाई स्कूल और एग्री के अध्यक्ष भी रहे. वसंतराव चव्हाण ने 2009 में नायगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के गठन के बाद इस क्षेत्र के पहले विधायक बनने का गौरव हासिल किया.

उन्होंने नांदेड़ जिले में कांग्रेस का वर्चस्व बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, खासकर तब, जब अशोक चव्हाण और भास्करराव खतगांवकर जैसे वरिष्ठ नेता कांग्रेस से अलग हो गए थे. हाल के लोकसभा चुनावों में अशोक चव्हाण ने कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा, जिससे बीजेपी को नांदेड़ और हिंगोली लोकसभा सीटों पर जीत का रास्ता साफ होता नजर आया. लेकिन वसंतराव चव्हाण ने कांग्रेस के लिए मैदान में उतरकर बीजेपी के प्रताप पाटिल चिखलीकर को भारी मतों से हराया. इससे यह संदेश स्पष्ट हुआ कि अशोक चव्हाण के जाने के बाद भी नांदेड़ में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनी हुई है.


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