ओबीसी विरोधी नीति अपनाकर भाजपा सरकार ने पिछड़ा वर्ग के अधिकार छीने - कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा
Jan 09, 2025
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को ओबीसी विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया है कि स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण प्रावधानों में दुर्भावनापूर्ण संशोधन करके भाजपा ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिकारों पर कुठाराघात किया है। वर्मा ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के आरक्षण परिणाम इस षड्यंत्र को स्पष्ट रूप से उजागर करते हैं। उदाहरण के तौर पर, बिलासपुर जिले में 17 जिला पंचायत सदस्य सीटों में केवल एक सीट ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है, जबकि ओबीसी पुरुष के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है। चार जनपद पंचायत अध्यक्ष पदों में भी एक भी पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया गया है। वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण में कटौती करके उन्हें चुनाव लड़ने से वंचित करने की साजिश रची है।
बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग जैसे क्षेत्रों में, जहां बड़ी संख्या में ओबीसी आबादी रहती है, वहां उनके लिए आरक्षण लगभग समाप्त कर दिया गया है। सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि भाजपा ने जब विपक्ष में थी, तब ओबीसी को 27% आरक्षण देने वाले विधेयक को राजभवन में रोकने का काम किया, और अब सत्ता में आकर स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण के अधिकारों में कटौती कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि 2 दिसंबर 2022 से छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक राजभवन में लंबित है, जो भाजपा की आरक्षण विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। वर्मा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी दुर्भावना के कारण ओबीसी वर्ग के लोग महापौर, पार्षद, सरपंच, पंच और अन्य पदों के लिए चुनाव लड़ने से वंचित हो रहे हैं।
उन्होंने इसे ओबीसी के हक और अधिकारों पर सीधा हमला बताया। वर्मा ने भाजपा के ओबीसी हितैषी होने के दावों को ढोंग बताते हुए सवाल किया कि क्यों ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों की संख्या में इतनी कटौती की गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ओबीसी वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भाजपा की इस षड्यंत्रकारी नीति के खिलाफ आवाज उठाती रहेगी।