
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक गबन मामले में बिल्डर गिरफ्तार
Feb 17, 2025
मुंबई,। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक से 122 करोड़ रुपए के गबन के मामले में रविवार को एक बिल्डर धर्मेश जयंतीलाल पौन (58) को गिरफ्तार किया। आरोप है कि कंस्ट्रक्शन कारोबारी पौन को इस मामले के मुख्य आरोपी महाप्रबंधक हितेश मेहता के जरिए 70 करोड़ रुपये मिला। आरोपी पौन ने भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया है। इस मामले में दोनों आरोपियों को रविवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। बताया गया है कि इस मामले में तीसरे आरोपी की पहचान कर ली गई है तथा उसकी संलिप्तता की जांच चल रही है। ज्ञात हो कि बैंक के महाप्रबंधक हितेश मेहता (57) को आर्थिक अपराध शाखा ने 122 करोड़ रुपये के गबन के सिलसिले में शनिवार को गिरफ्तार किया था।
प्राप्त सूचना के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा ने शनिवार रात बिल्डर धर्मेश पौन को हिरासत में लिया। इसके बाद रविवार को उन्हें इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। पौन कांदिवली पश्चिम स्थित श्रीजी शरण बिल्डिंग के निवासी हैं। इस पूरे मामले में प्रभादेवी और गोरेगांव स्थित बैंक शाखाओं की तिजोरियों में रखे 122 करोड़ रुपये का गबन किया गया है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है कि क्या अन्य बैंक कर्मचारियों ने इस गबन में मदद की? आपको बता दें कि शनिवार सुबह मुंबई की दादर पुलिस ने बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 316 (5), 61 (2) के तहत मामला दर्ज किया।
हितेश मेहता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और आरोप है कि मेहता और उनके साथियों ने आपराधिक साजिश के तहत उन्हें सौंपी गई प्रभादेवी और गोरेगांव शाखाओं की तिजोरियों से 122 करोड़ रुपये का गबन किया। इस मामले में बैंक के महाप्रबंधक मेहता समेत तीन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं। संदेह है कि इस मामले में अन्य आरोपी भी शामिल हैं। जांच में पता चला है कि यह गबन 2019 से चल रहा था। इस मामले में दादर पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराई गई और इस संबंध में मामला दर्ज कर आगे की जांच के लिए इसे आर्थिक अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया है। आर्थिक अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है।