भाजपा दो दिन तदेगी भाजपा उम्मीदवारों को मतगणना की ट्रेनिंगक
Nov 29, 2023
- बड़े नेता एक-एक सीट का लेंगे फीडबैक
भोपाल, । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना भले ही 3 दिसंबर को होना है, लेकिन इसके पहले भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियां मतगणना में किसी भी गड़बड़ी और लापरवाही को रोकने के लिए फूंक-फूंककर कदम रख रही हैं। कांग्रेस प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के सभी उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को भोपाल बुलाकर मतगणना की ट्रेनिंग दे चुकी है। इसके बाद भाजपा अपने सभी उम्मीदवारों और उनके एजेंटों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। इस दौरान भाजपा संभागवार 1 और 2 दिसंबर को अपने सभी 230 उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को मतगणना की ट्रेनिंग और टिप्स देगी। हम बता दें कि दो दिन पहले भी भाजपा अपने उम्मीदवारों को वर्चुअली मतगणना को लेकर जानकारी दे चुकी है।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल के अनुसार इन ट्रेनिंग कार्यकमों में पार्र्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधि प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों द्वारा भाजपा के सभी उम्मीदवारों को दो दिन तक मतगणना संबंधी जानकारी दी जाएगी। उम्मीदवारों को ईवीएम के भीतर संभावित गड़बडिय़ों की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ उन्हें बताया जाएगा कि वोटों की गिनती के दौरान कब-कब क्या सावधानियां रखना है। किसी भी गड़बड़ी एवं लापरवाही की आशंका में कैसे आपत्ति दर्ज कराना है। मतगणना प्रत्येक राउंड के बाद निर्वाचन अधिकारी से सर्टिफिकेट लेना है। भाजपा की कोशिश है कि अगर उम्मीदवार और उनके एजेंट ट्रेंड रहेंगे तो मतगणना स्थल पर गड़बड़ी की गुंजाइश कम रहेगी।
- वर्चुअली ट्रेनिंग से जुड़ेंगे वरिष्ठ नेता
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, सहित भाजपा के तमाम विधि विशेषज्ञ भाजपा के प्रदेश मुख्यालय से वर्चुअली जुडक़र भाजपा उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को मतगणना संबंधी टिप्स देंगे। इस दौरान उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को मतगणना और डाकपत्र संबंधी नियमों में जो बदलाव आए हैं, उनकी जानकारी दी जाएगी।
- ट्रेनिंग के बहाने लेगी फीडबैक
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस दौरान भाजपा के बड़े नेता उम्मीदवारों और उनके एजेंटों को मतगणना की ट्रेनिंग देने के साथ विधानसभाबार चुनाव को लेकर फीडबैक भी लेंगे। इस दौरान पार्टी के नेता उम्मीदवारों से यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि, चुनाव के दौरान उन्हें क्या-क्या दिक्कतें आईं। पार्टी के किन-स्थानीय नेताओं-कार्यकर्ताओं ने चुनाव में असहयोग किया, इसकी भी जानकारी लेंगे। ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में ऐेसे नेताओं की भूमिका तय की जा सके।