बड़ा सवाल : क्यों झुग्गीमुक्त नहीं हो पाता है शहर

Nov 14, 2024

 वोट बैंक और रसूखदारों के प्रैशर के आगे ढीला है प्रशासन

भोपाल। राजधानी को एक बार फिर स्लम फ्री सिटी बनाने के प्रयास शुरू हो गये हैं। ऐसा ही नहीं है कि यह पहली बार हो रहा है लेकिन हर बार यह मुहिम लंबे समय तक नहीं चल पाती है। राजधानी में झुग्गियों के नहीं हटने की वजह राजनेताओं की दंखलदाजी है। यह शुरू से ही अलग अलग पार्टियों के वोट बैंक बनी हुई हैं और इसलिये इनको हटाने के लिये कहीं भी युद्ध स्तर पर काम नहीं हो पाया। अब नयी योजना के चलते इनके लिये मकान तो बनाये जाएंगे लेकिन जो लोग मकान लेने के बाद भी झुग्गी नहीं छोड़ते हैं उनके खिलाफ क्या सख्ती की जाएगी। यह एक बड़ा सवाल है। बड़ा सवाल यह है कि हॉट एरियर रोशनपुरा, एमपी नगर जैसे इलाकों में होने से लोग जगह नहीं छोड़ना चाहते हैं। उनके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी।

  क्या है इस बार की प्लानिंग

-  भोपाल को झुग्गी मुक्त करने के लिए भवन तैयार करने का कार्य हो, फिर झुग्गियों को खाली करायी जाएंगी।

- इस मामले में जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक झुग्गियां हैं वहां के जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर बनेगी योजना।

-  झुग्गी मुक्त करने के लिए अक्टूबर तक निविदा पूरी कर कार्य शुरू किया जाना है।

-  सरकार के प्लान के मुताबिक अगले 5 साल में करीब 30 हजार फ्लैट की जरूरत होगी।

- इसके लिये पहले चरण में एक बार फिर शहर की सभी झुग्गी बस्तियों का सर्वे किया जाएगा।

- इनके लिये बनने वाले फ्लेटो ंके लिये  जमीन बिल्डर को कलेक्टर गाइडलाइन और प्रोजेक्ट कॉस्ट के आकलन पर दी जाएगी। इसमें सरकार का एक रुपया भी खर्च नहीं होगा, बल्कि इससे उसे कमाई होगी।

- पहले फेस में शहर की तीन बस्तियों को उदाहरण के लिए चुना गया है।

क्या स्थिति है

राजधानी में राजभवन से सटे इलाके में 17 एकड़ में फैली रोशनपुरा बस्ती हो या बाणगंगा, भीमनगर, विश्वकर्मा नगर जैसी टॉप 8 झुग्गी बस्तियां। ये सभी शहर के बीच प्राइम लोकेशंस पर करीब 300 एकड़ में फैली हैं। इनके अलावा राहुल नगर, दुर्गा नगर, बाबा नगर, अर्जुन नगर, पंचशील, नया बसेरा, संजय नगर, गंगा नगर, बापू नगर, शबरी नगर, ओम नगर, दामखेड़ा, उड़िया बस्ती, नई बस्ती, मीरा नगर जैसी कुल 388 बस्तियां शहर में हैं। इन सबकी जमीन का हिसाब लगाएं तो यह करीब 1800 एकड़ के आसपास बैठती है। इनमें से ज्यादातर पॉश इलाकों में ही हैं। इनके लिये नगर निगम ने हाउसिंग फार आल के मकान भी बनाये थे और वहां कई लोगों को शिफ्ट किया गया था लेकिन उसके बाद भी लोगों ने झुग्गियां नहीं छोड़ी और उनकेपास नयी बनती गयीं।-

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