छत्तीसगढ़ डीएमएफ घोटाले में बड़ी कार्रवाई, ED ने मनोज कुमार द्विवेदी और माया वारियर को किया गिरफ्तार
Dec 06, 2024
रायपुर। छत्तीसगढ़ के डीएमएफ (डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड) घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू और माया वारियर के करीबी डीएमएफ वेंडर मनोज कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनोज कुमार द्विवेदी ने काम दिलाने के नाम पर अन्य ठेकेदारों से करीब 11 से 12 करोड़ रुपये की वसूली की। आरोप है कि ये रकम माया वारियर के जरिए रानू साहू तक पहुंचाई गई। जांच में यह भी सामने आया है कि मनोज कुमार द्विवेदी स्वयं उदगम सेवा समिति नामक एनजीओ चलाता था और डीएमएफ का काम दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये कमाए। प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने धारा 120 बी और 420 के तहत केस दर्ज किया है।
जांच में यह खुलासा हुआ है कि कोरबा जिले के डीएमएफ फंड से संबंधित विभिन्न टेंडरों में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं की गई थीं। टेंडर प्राप्त करने वालों को अवैध लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी अफसरों ने 40 प्रतिशत कमीशन लिया था, जबकि प्राइवेट कंपनियों के टेंडरों पर 15 से 20 प्रतिशत कमीशन लिया गया था। ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू और अन्य अधिकारियों ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा जिले की कलेक्टर थीं और उसके बाद फरवरी 2023 तक रायगढ़ जिले की कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि आदिवासी विकास विभाग को दी गई डीएमएफ की बड़ी राशि में घोटाले की आशंका है, जिसके आधार पर माया वारियर को भी गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई इस घोटाले के खिलाफ जांच के एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाती है, और आगे की जांच में कई और अहम तथ्य सामने आ सकते हैं।