बाइडेन का डबल गेम, यूक्रेन को परमाणु हथियार देने की बात कह कर, ट्रंप के लिए पैदा कर रहे संकट

वाशिंगटन। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर कई आरोप लग रहे हैं, खासकर उन निर्णयों को लेकर जो उन्होंने संघर्ष में लिए हैं। बाइडेन प्रशासन, रूस के साथ युद्ध को बढ़ावा देने के आरोपों का सामना कर रहा है। सबसे बड़ा विवाद तब हुआ जब बाइडेन ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी दी, और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की परमाणु धमकियों के बाद भी यूक्रेन को सैन्य सहायता भेजने का सिलसिला जारी रखा। रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बाइडेन प्रशासन, रूस का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को परमाणु हथियार देने पर विचार कर रहा है, इससे तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई है।

इस मुद्दे पर अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य मार्जोरी टेलर ग्रीन ने बाइडेन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मार्जारी के अनुसार, बाइडेन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता नहीं सौंपना चाहते हैं और इसके लिए वे न्यूक्लियर वॉर का जोखिम लेने को तैयार हैं। उन्होंने इस फैसले को देशद्रोह करार देकर कहा कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। ग्रीन का दावा है कि बाइडेन प्रशासन रूस-यूक्रेन के बीच परमाणु युद्ध शुरू करवा सकता है, ताकि सत्ता हस्तांतरण में अड़चन डाली जा सके।

रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कुछ अमेरिकी और यूरोपीय अधिकारियों ने यूक्रेन को वे परमाणु हथियार वापस करने का प्रस्ताव दिया है, जो यूक्रेन ने सोवियत संघ के विघटन के समय सौंपे थे। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया था कि इस निर्णय पर अमल करना बेहद कठिन हो सकता है, और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

वहीं कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पुतिन, ट्रंप की मध्यस्थता में यूक्रेन के साथ सीजफायर डील पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं। इसके विपरीत, बाइडेन प्रशासन के निर्णयों से संघर्ष और बढ़ सकता है, जिससे यह भी संभावना है कि यदि परमाणु युद्ध हुआ, तब ट्रंप के लिए युद्ध को रोकना और सत्ता हस्तांतरण दोनों ही मुश्किल हो जाएंगे। ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि उनकी प्राथमिकता युद्ध को जल्दी समाप्त करना है, जबकि बाइडेन के फैसले युद्ध को और बढ़ा सकते हैं, जिससे सत्ता हस्तांतरण में रुकावट आ सकती है।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच रूस ने बाइडेन प्रशासन की परमाणु योजना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि पश्चिमी देशों का यूक्रेन को परमाणु हथियार देने का विचार गैर-जिम्मेदाराना है और यह दर्शाता है कि वे वास्तविकता से पूरी तरह अनजान हैं। पेसकोव का कहना था कि यदि ऐसा हुआ, तब रूस को भी न्यूक्लियर हमले पर विचार करना पड़ सकता है।


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