भोपाल मास्टर प्लान 2047: कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट पर फोकस

Sep 27, 2024

कैचमेंट एरिया के रसूखदारों की नपेंगी जमीनें  

भोपाल। प्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए मास्टर प्लान एक सपना बनकर रह गया है। पिछले 19 सालों से भोपाल शहर लावारिस जैसी स्थिति में है। मनमाना विकास हो रहा है। पिछले मास्टर प्लान में विकास को अनुशासन में बांधने की कोशिश की गई थी। भोपाल का नया मास्टर प्लान 2047 तक की संभावित आबादी को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। यह भोपाल का तीसरा मास्टर प्लान है। लेकिन इसके भी डिले होने की वजह रसूखदारों का दखल है। कैचमेंट एरिया में होने वाला निर्माण है । नये मास्टर प्लान में भोपाल एरिया की वाटर बाॅडीज के सर्वे और उसके निर्माण को हटाने पर जोर दिया जाना है पर यही जगह रसूखदारों की पहली पसंद भी है।

  मास्टर प्लान 2047 में क्या खास बात होगी

भोपाल में नए ड्राफ्ट तैयार में शहर के कमर्शियल और इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट पर फोकस है। पूरे शहर में बेस एफएआर 1.25 रखने के साथ टीडीआर और प्रीमियम एफएआर दिए जाने की तैयारी है। प्लान में सड़कें और अन्य सुविधाएं तो रहती हैं, पर भोपाल में भविष्य के डेवलपमेंट पर विचार जरूरी है। प्लान में इसे किस तरह शामिल करें, इस पर विचार हो रहा है।


 इस समय क्या हो रहा है

 इस समय भोपाल मास्टर प्लान के डाफ्ट के लिे सर्वे का काम चल रहा है। पूरे इलाके को दोबारा स्कैन किया जा रहा है। भोपाल नगर निगम ने अपना डाटा शेयर कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की टीम इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के साथ सर्वे कर रही है। इससे पहले सन 2018 में सर्वे हुआ था। वह मास्टर प्लान 2020 में आया था। इसे लेकर काफी विवाद हो गया था, इसलिए दोबारा सर्वे किया जा रहा है। भोपाल का मास्टर प्लान 2031 लोकसभा चुनाव से पहले निरस्त किया जा चुका है।

 मास्टर प्लान 2031 में क्या कमी रह गई थी

पहले ड्राफ्ट में बड़े तालाब, केरवा व कलियासोत के कैचमेंट एरिया में कड़े प्रावधानों पर आपत्ति थी। प्रशासन का तर्क था कि केंद्र के वेटलैंड रुल्स के आधार पर यह प्रावधान किए हैं। बैरागढ़, रातीबड़, भदभदा क्षेत्र के किसान व रहवासी सहमत नहीं थे। विधानसभा चुनाव आने वाले थे। हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी विरोध किया था। शहर के बाहरी इलाके में बेस एफएआर केवल 0.25 कर दिया गया था। बिल्डर्स एंड डेवलपर्स की मांग थी कि इसे कम से कम 1.00 कर दिया जाए ताकि एक आदमी अपना साधारण मकान तो आसानी से बना सके। बताया जाता है कि इस पर सहमति बन गई है।


भोपाल मास्टर प्लान 2047 कब लागू होगा

ड्राफ्ट जारी होने के बाद 30 दिन तक दावे-आपत्ति बुलाए जाते हैं। फिर 3 महीने इन पर सुनवाई होती है। उसके अगले तीन महीने में डायरेक्टर टी एंड सीपी अपनी रिपोर्ट शासन को देते हैं। शासन टी एंड सीपी एक्ट की धारा 19(2) के तहत फिर से दावे-आपत्ति बुलाता है, इसकी अवधि तय नहीं है।

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