
मध्य प्रदेश में 23000 हेक्टेयर में जंगल लगाने पैसा देगी अरुणाचल की सरकार
May 07, 2025
जंगल मध्य प्रदेश में लगेगा,अरुणाचल का पर्यावरण सुधरेगा?
भोपाल । अरुणाचल प्रदेश में हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए जंगल की बड़े पैमाने पर कटाई हो रही है। अरुणाचल प्रदेश में 50000 मेगावाट का हाइड्रो इलेक्ट्रिक उत्पादन का संयंत्र लगाया जा रहा है। 2024 में केंद्र सरकार ने अरुणाचल में 3689 करोड रुपए के दो हाइड्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।
इसके लिए वन विभाग के जंगलों को काटा जाएगा। अरुणाचल का कुल क्षेत्रफल 83743 वर्ग किलोमीटर है। इस पूरे क्षेत्र में अधिकांश वन भूमि है। इस प्रोजेक्ट के लिए अरुणाचल प्रदेश ने मध्य प्रदेश सरकार से 23000 हेक्टेयर जंगल के लिए जमीन मांगी है। अरुणाचल प्रदेश में ऐसी कोई जमीन नहीं है। जहां पर जंगल लगाया जा सके। अरुणाचल के जंगल समाप्त होंगे, वहां के पर्यावरण को क्षति पहुंचेगी। अरुणाचल मध्य प्रदेश में जंगल लगाएगा।
अंडमान निकोबार भी मध्य प्रदेश में कर चुका है पौधारोपण
इसके पहले अंडमान निकोबार ने भी मध्य प्रदेश के 1405 हेक्टेयर में पौधारोपण किया है। मध्य प्रदेश के देवास कटनी और रायसेन जिले में अंडमान सरकार के पैसों से पौधारोपण किया गया है। विकास की योजनाओं में बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं। इससे वहां का पर्यावरण प्रदूशित हो रहा है। वन विभाग के कानून के अनुसार उसकी भरपाई के लिए पौधारोपण करना जरूरी है। इसके लिए दूसरे राज्य में पौधारोपण करने का नया तरीका विकसित किया गया है। मध्य प्रदेश के पास वन क्षेत्र है। यहां पर पौधारोपण की बहुत गुंजाइश है। अंडमान निकोबार के बाद अब अरुणाचल प्रदेश मध्य प्रदेश में 23000 हेक्टेयर जमीन पर जंगल उगाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के संपर्क में हैं।
मध्य प्रदेश वन विभाग की चकाचक
अरुणाचल सरकार ने मध्य प्रदेश के केम्पा फंड में अभी कुछ राशिएडवांस के रूप में दी है। 1 हेक्टेयर में पौधा रोपण के लिए करीब आठ लाख रुपए का खर्च आता है। 23000 हेक्टेयर में जंगल लगाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग को 1840 करोड रुपए मिलेंगे। मध्य प्रदेश वन विभाग ने नदियों के किनारे और जंगल में जहां पर पौधों का घनत्व बहुत कम है। वहां वन विभाग ने जमीन को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। अरुणाचल और अंडमान निकोबार द्वारा मध्य प्रदेश के 25000 हेक्टेयर में पौधारोपण के लिए राशि दी जा रही है। निश्चित रूप से इससे मध्य प्रदेश का पर्यावरण बेहतर होगा।