अनिल अग्रवाल की वेदांता पर 92 करोड़ का जुर्माना
Okt 10, 2024
- 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल
मुंबई । अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड पर भारी जुर्माना लगाया गया है, जिसमें 92.04 करोड़ रुपये का टैक्स जुर्माना और 10 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना शामिल है। इसके साथ ही, कंपनी को कस्टम ड्यूटी और उस पर लगने वाले ब्याज का भी भुगतान करना होगा। यह जानकारी कंपनी ने शेयर बाजार को दी। यह जुर्माना तब लगाया गया है जब अनिल अग्रवाल ने हाल ही में सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत की आयरन ओर इंडस्ट्री संकट में है। उनका कहना था कि ऊंचे नीलामी प्रीमियम, सीमित ऑफर और खदानों के धीमे संचालन के कारण यह स्थिति बनी है। सरकार ने उनके आरोपों को भ्रामक और गलत बताया था। जुर्माने की कार्रवाई वेदांता द्वारा आयात से पहले की शर्तों के उल्लंघन के कारण हुई है। ये शर्तें एडवांस ऑथराइजेशन के तहत किए गए आयात पर सीमित समय के लिए लागू थीं। कंपनी ने शेयर बाजार को दी गई जानकारी में बताया कि कंपनी को तूतीकोरिन के कस्टम कमिश्नर के दफ्तर से एक आदेश प्राप्त हुआ है, जिसमें 92,03,85,745 रुपये का जुर्माना और 10,00,00,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही कस्टम ड्यूटी और उस पर लगने वाला ब्याज भी मांगा गया है। वेदांता ने कहा है कि वह इस आदेश की समीक्षा कर रही है और उचित समय पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
कंपनी का मानना है कि उसके पास मजबूत कानूनी आधार हैं, खासकर हालिया न्यायिक फैसलों के संदर्भ में। वेदांता का यह कहना है कि इस आदेश का कंपनी की वित्तीय स्थिति, संचालन या अन्य गतिविधियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह घटनाक्रम वेदांता के सामने आने वाली नियामक चुनौतियों को और बढ़ा देता है। कंपनी हाल के वर्षों में कई कानूनी और परिचालन संबंधी बाधाओं का सामना कर रही है। वेदांता लिमिटेड एक ग्लोबल प्राकृतिक संसाधन कंपनी है, जो खनिजों और धातुओं की खोज, निकासी और प्रसंस्करण से जुड़ी है। भारत और अन्य देशों में कंपनी की मजबूत उपस्थिति खनन और धातु उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।