डिजिटल लुटेरों का हैरतअंगेज कारनामा - कैट के सीनियर साइंटिस्ट और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 71 लाख लूटने के बाद क्लियरेंस के बहाने भेजा थाने ताकि पुलिस को सूचना मिले
Okt 05, 2024
इन्दौर डिजिटल लुटेरों ने एक सनसनीखेज वारदात को अंजाम देते इन्दौर स्थित आरआर कैट में पदस्थ एक सीनियर साइंटिस्ट और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 71 लाख 33 हजार रुपए अपने विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इन शातिर लुटेरों ने पति पत्नी दोनों को 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखते उन्हें डराया कि आप जिस केस में फंसे हैं उसमें की बैंकों के मैनेजर तथा पुलिस भी शामिल हैं। इसके बाद लुटेरों ने उनके सभी बैंक अकाउंट्स की डिटेल तथा उसमें जमा राशि, म्यूचुअल फंड के बारे में विस्तार से जानकारी निकाल उनसे म्यूचुअल फंड कैश भी करवा लिए। अंत में इन लुटेरों ने आरबीआई आफिसर बन 71 लाख 33 हजार रुपए अपने 23 अलग-अलग बैंक खातों में यह कहते हुए ट्रांसफर करवा लिए कि जांच के 1 घंटे बाद ये पूरा पैसा वापस हो जाएगा। यही नहीं इन डिजिटल लुटेरों ने उन्हें कहा कि ईडी और सीबीआई से आपके एक सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा ताकि भविष्य में आपको कोई परेशानी न हो। लुटेरों ने उन्हें नजदीकी थाने जाकर क्लीयरेंस लाने के लिए भी कहा जब वे दोनों द्वारकापुरी थाने पहुंचे तब उन्हें उनके साथ हुई इस डिजिटल लूट का पता चला इसके बाद उनकी शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने बीएनएस की धारा 308(2), 318(4), 3 (5) में केस दर्ज किया है।
एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया के अनुसार इस पूरे मामले में इन डिजिटल लुटेरों ने खुद को सीबीआई, दिल्ली क्राइम ब्रांच, ईडी, आर बी आई और ट्राई के अधिकारी बताते आरआर कैट में पदस्थ सीनियर साइंटिस्ट और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे आरोपियों की तरह पूछताछ की। उन्होंने कहा कि जिस केस में आप फंसे हैं उसमें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है। एडीसीपी क्राइम के अनुसार घटना 1 सितंबर की है जब सुबह साइंटिस्ट के मोबाइल पर 9580754384 नंबर से फोन आया और फोन करने वाले ने उन्हें यह बताया 18 अगस्त 2024 को दिल्ली में एक सिमकार्ड जारी हुई है, जिससे गैरकानूनी विज्ञापन और महिला उत्पीड़न संबंधी एसएमएस भेजे जा रहे हैं। ट्राई अफसर बने उस लुटेरे ने अपना नाम सुशांत कुमार बताते फर्जी शिकायत नंबर DL1045/0824 दिया। जब साइंटिस्ट ने उससे कहा कि उसने दिल्ली से कभी कोई सिम नहीं ली। हो सकता है किसी ने मेरे आधार कार्ड का दुरुपयोग किया हो। मैं इसकी शिकायत करना चाहता हूं। इसके बाद मोबाइल नंबर 8917557283 से दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर दूसरे लुटेरे ने उनसे बात करते उन्हें डराया कि आपके जिस नंबर से ये मैसेज भेजे गए हैं, उस नंबर का मनी लांड्रिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग में भी उपयोग हुआ है। इसका केस दर्ज है। आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी हुआ है और उसने उन्हें गिरफ्तारी वारंट भी व्हाट्सएप पर भेज यह बताया कि इस केस में 300 लोग शामिल हैं। उनमें से एक आप हैं। आपकी गिरफ्तारी सिर्फ इसलिए नहीं हुई क्योंकि आप सरकारी कर्मचारी हैं। अगले दिन सुबह 10 बजे ठगों ने उन्हें सीबीआई अधिकारी बनकर 8979310521 नंबर से कॉल किया। 2 घंटे इंटरनेट कॉलिंग और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ की। फिर कहा कि 24 घंटे तक आप सर्विलांस से नहीं हटेंगे क्योंकि 17 बच्चों की जिंदगी का सवाल है। इसके बाद रिजर्व बैंक के अधिकारी बन 71 लाखों से भी ज्यादा पैसा अपने विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा उन्हें क्लियरेंस लेने के बहाने नजदीकी थाने में भेजा ताकि पुलिस को भी वारदात की जानकारी मिल सके ।