90 के दशक की अभिनेत्रियां रूढ़िवादी थीं : रवीना टंडन

Apr 19, 2024

- एक्ट्रेस बोली- उन्हें खुद को स्थापित करने में लगा समय 

मुंबई । बालीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन का सिनेमा जगत में 90 के दशक में जलवा था और तब उन्होंने कई हिट फिल्में दी है। हाल ही में, रवीना ने 90 के दशक से जुड़े कई राज खोले हैं। रवीना टंडन अपने करियर को ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण  के साथ देखती हैं। रवीना टंडन का कहना है कि 90 के दशक की अभिनेत्रियां रूढ़िवादी थीं, उन्हें खुद को स्थापित करने में समय लगा। उस दौर में एक हीरो एक फिल्म में जितना कमाता था, वो अभिनेत्रियों को 15 के साल बाद मिला। 

अभिनेत्री ने बताया 90 के दशक में जब उन्होंने अपनी बॉलीवुड यात्रा शुरू की, तब उन्हें एक धारणा की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित किया। दरअसल, उस वक्त उन्होंने खुद को ऐसी फिल्मों में पाया जो फार्मूलाबद्ध व्यावसायिक फिल्मों होती थीं और इनमें वे स्टीरियोटाइप रूढ़िबद्ध हो रही थी। रवीना टंडन का कहना है कि 90 के दशक में हालत ऐसी थी कि अभिनेत्रियों के पास बड़े अवसर होते थे लेकिन अपने ही करियर की रणनीति बनाने का मौका नहीं मिलता था। उनके पास अपना काम चुनने की आजादी बहुत ही कम थी। जब वे फिल्में रिलीज होने लगती थी, जिनमें 6 सुपरहिट गाने और वही एक जैसे सीन होते थे तो इस तरह की और भी फिल्मों में काम मिलने लगता था। ऐसी स्थिति में एक्ट्रेस को आंख मूंदकर फिल्मों को साइन कर लिया जाता था और करियर प्लानिंग नाम की कोई चीज थी ही नहीं। 

रवीना ने 90 के दशक में हम एक वक्त में एक या दो फिल्मों में काम नहीं करते थे। हम एक साथ 10 से 12 फिल्में किया करते थे। कुछ फिल्मों के बारे में ऐसा कहा जाता था कि अगर उसमें कोई बड़ा अभिनेता और बड़ा निर्देशक है तो फिल्म सुपरहिट साबित होगी और तब प्रोजेक्टस को लेकर ज्यादा चयन नहीं होता था। बातचीत के दौरान रवीना टंडन ने कहा कि उन दिनों अभिनेत्रियों को अभिनय करने के ज्यादा पैसे नहीं मिलते थे।

 उस दौरान फिल्म का एक लीड हीरो एक फिल्म से जितना कमा लेता था, एक अभिनेत्री उतना पैसा 15 से 16 फिल्मों में काम करने के बाद ही कमा पाती थी। ये सब स्टीरियोटाइपिंग यानी रुढ़िवादि सोच का कारण होता था, क्योंकि हमें अपने को स्थापित करने में वक्त लगा। आगे रवीना ने कहा, सौभाग्य से, यह अब बदल गया है। समय ऐसा है कि ओम शांति ओम के बाद, दीपिका पादुकोण को पांचवीं-छठी फिल्म के रूप में बाजीराव मस्तानी मिलती है, जिससे उन्हें ऐसी भूमिकाएं करने का मौका मिलता है जो वो करना चाहती हैं, जो हमें लंबे समय तक काम करने के बाद 20 वीं फिल्म में मिला है। हमारी इंडस्ट्री की अभिनेत्रियों को सौभाग्य से उनकी चौथी-पांचवीं फिल्म में ऐसा करने को मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा, स्टूडेंट ऑफ द ईयर के बाद सीधे आलिया भट्ट को इम्तियाज जैसे अच्छे निर्देशक के साथ हाईवे करने का मौका मिला और वो काफी शानदार है। उन दिनों हमें खुद को स्थापित करने में निश्चित रूप से समय लगा। 

ऐसा नहीं था कि हम सावधानीपूर्वक सोचेंगे, ओह, मैं इसे आगे करूंगी। बेशक, ओटीटी ने इसे हर तरह की फिल्म बनाने के लिए भी खोल दिया है। रवीना को लगता है कि अब ऐसा नहीं है, क्योंकि वो इस बात पर जोर डालती हैं कि कैसे फीमेल स्टार आज खुद को बेहतर स्थिति में पाती हैं, उनके करियर की शुरुआत में ही मनोरंजक फिल्में आ रही हैं और स्ट्रीमिंग शो का अवसर उन्हें सोचने का एक और मौका दे रहा है। बता दें कि रवीना ने पिछले पांच वर्षों में बड़े पर्दे केजीएफ चैप्टर 2, उनके ओटीटी डेब्यू अरण्यक और उनके दो डिज्नी प्लस हॉटस्टार कर्मा कॉलिंग और पटना शुक्ला जैसी विविध परियोजनाओं में अभिनय किया है। और हर ओर उन्हें खूब सराहा गया है। 


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