भारत में 5जी सब्सक्रिप्शन 2030 तक 970 मिलियन हो जाएगा

Nov 27, 2024

यूजर्स अगले पांच सालों में जेनएआई एप का करेंगे इस्तेमाल 

नई दिल्ली,। भारत में 5जी सब्सक्रिप्शन 2030 के आखिर तक करीब 970 मिलियन तक पहुंच सकता है, जो कुल मोबाइल सब्सक्रिप्शन का 74 फीसदी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल के अंत तक 5जी सब्सक्रिप्शन 270 मिलियन से ज्यादा हो जाने का अनुमान है, जो इस सेक्टर में कुल मोबाइल सब्सक्रिप्शन का 23 फीसदी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में प्रति स्मार्टफोन औसत मासिक उपयोग सबसे ज्यादा है, जो 32 जीबी है और 2030 तक इसके 66 जीबी तक बढ़ने की उम्मीद है।

रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने बड़े पैमाने पर मिड-बैंड को स्थापित किया है और 2024 के आखिर तक इसके करीब 95 फीसदी जनसंख्या कवरेज तक पहुंचने की उम्मीद है। एरिक्सन के नेटवर्क समाधान, सॉफ्टवेयर और प्रदर्शन प्रमुख ने कहा कि जेनएआई के कंज्यूमर अपटेक के साथ ट्रैफिक बेस लाइन में बढ़ोतरी होगी। भारत में पहले से प्रति स्मार्टफोन औसत मासिक उपयोग 32 जीबी है, जो 13 फीसदी सीएजीआर के साथ बढ़ रहा है और 2030 तक 66 जीबी तक पहुंच जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक 67 फीसदी 5जी स्मार्टफोन यूजर्स अगले पांच सालों में साप्ताहिक आधार पर जेनएआई एप का इस्तेमाल करेंगे। नई ‘एरिक्सन कंज्यूमरलैब’ रिसर्च के मुताबिक तीन में से एक जेन जेड स्मार्टफोन यूजर का कहना है कि वे 5जी नेटवर्क पर ज्यादा बेहतर जेन एआई का अनुभव की उम्मीद करते हैं। इस रिसर्च में भारत में विश्वसनीय कनेक्टिविटी की बढ़ती मांग पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें पिछले साल की तुलना में टियर तीन शहरों में 5जी कनेक्टिविटी से उच्च संतुष्टि की रिपोर्ट करने वाले यूजर्स की हिस्सेदारी दोगुनी हो गई है।

रिपोर्ट के मुताबिक छह में से एक 5जी यूजर, यूजर इवेंट स्थलों पर तय कनेक्टिविटी के लिए अपने वर्तमान मासिक मोबाइल खर्च का 20 फीसदी भुगतान करने को तैयार हैं। एरिक्सन के कंज्यूमर लैब के प्रमुख ने कहा कि युवा पीढ़ी के एआई यूजर्स पहले से ही 5जी नेटवर्क पर ज्यादा बेहतर एआई की मांग कर रहे हैं। यह कम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए बेहतर कनेक्टिविटी एक्सपीरियंस के जरिए इस मांग को पूरा करने का अवसर दिखाता है।


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