इन्दौर पुलिस कमिश्नर सहित 23 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की कोर्ट में एक साथ पेशी, केस डायरी देरी मामले में हुए वर्चुअली पेश

Sep 04, 2024

इन्दौर  मध्यप्रदेश हाइकोर्ट की इन्दौर खंडपीठ में जस्टिस संजीव कलगांवकर की बेंच के समक्ष एक साथ 23 वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वर्चुअली पेश हुए। मामला पुलिस द्वारा केस डायरी समय पर कोर्ट नहीं पहुंचाने का था। और मामले में कोर्ट के सख्त रूप के चलते इंदौर पुलिस कमिश्नर सहित  संभाग के 23 अफसर सुबह 10 बजे से ही वर्चुअली कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो गए थे। अधिवक्ता मनीष यादव के अनुसार जस्टिस कलगांवकर के समक्ष खरगोन के फरियादी के जमानत का आवेदन पर सुनवाई के दिन तक पुलिस द्वारा केस डायरी नहीं पहुंचाने से जस्टिस ने इस पर खासी आपत्ति लेते अन्य प्रकरणों में जानकारी निकलवाई तो सामने आया कि विगत सात दिनों में ही 35 से ज्यादा केसों में डायरी नहीं होने के चलते कोर्ट को केस आगे बढ़ाना पड़े थे। इसके पुलिस के इस लापरवाही पूर्ण रवैए पर हाई कोर्ट ने संबंधित जोन के सीपी, पुलिस अधीक्षकों को वर्चुअल हाजिर रहने के आदेश दे दिए थे। इंदौर के पुलिस कमिश्नर और सभी डीसीपी सहित रतलाम, नीमच, बड़वानी, मंदसौर, धार, अलीराजपुर, देवास, झाबुआ, आगर, खरगोन. राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन के एसपी कोर्ट के समक्ष वर्चुअली मौजूद थे। केस डायरी लेट होने के लिए इंदौर पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि 2023 से पहले के जो मामले हैं उनमें डायरी पेश करने में दिक्कत हो रही है। 2023 के बाद के मामलों में तो तय तारीख पर केस डायरी पेश की जा रही है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि नए, पुराने सभी तरह के मामलों में केस डायरी देरी से आ रही है। हाई कोर्ट ने सीधा सवाल किया कि केस डायरी भेजने में क्या दिक्कत आ रही है? गुप्ता ने इस पर कहा कि साल 2023 से पहले के केस में डायरी सर्च करने में देरी होती है। यदि इसमें एक सप्ताह का समय मिले तो समय पर डायरी दाखिल हो जाएगी। इस पर जस्टिस ने कहा कि मैंने अभी आदेश में जो कहा था इसमें सभी 2024 के नए केस थे, लेकिन इसमें भी समस्या आई। इन्दौर पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि इंदौर से जुड़े 10 मामलों में से कुछ में प्रकरण का नंबर गलत होने की वजह से देरी हुई। बाकी मामलों में डायरी समय से पहले ही अतिरिक्त महाधिवक्ता आफिस भेज दी गई थी।

कोर्ट के द्वारा राजगढ़, धार, उज्जैन, नीमच सहित अन्य जिलों के एसपी से भी केस डायरी समय पर नहीं भेजने का जवाब मांगा। धार एसपी मनोज सिंह ने कारण बताया कि फ्लैगिंग गलत हो गई थी। इस वजह से डायरी पेश होने में देरी हुई। राजगढ़ एसपी ने कहा कि इंदौर से राजगढ़ डायरी जाने में पांच घंटे लगते हैं। कभी दिन कम मिलने पर कोर्ट में पुटअप होने में देरी हो जाती। समन्वय की कमी की बात भी सामने आई। राजगढ़ एसपी अभिषेक आनंद ने कोर्ट का नोटिस समय पर मिलने, डायरी तय तारीख से पहले मिलने की व्यवस्था बनाए जाने की बात कही इससे सुविधा होगी। 


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