मस्तिष्क को तेज और सूचनाओं को बेहतर ढंग से संसाधित करती है नींद

लंदन । ताजा शोध से पता चला है कि नींद मस्तिष्क को तेज और सूचनाओं को बेहतर ढंग से संसाधित करने में मदद करती है। वैज्ञानिकों ने नींद और मस्तिष्क की कार्यक्षमता के बीच एक गहरा संबंध उजागर किया है। राइस यूनिवर्सिटी, ह्यूस्टन मेथोडिस्ट सेंटर और वेइल कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के शोधकर्ताओं की टीम ने नॉन-रैपिड आई मूवमेंट (एनआरईएम) नींद पर एक व्यापक अध्ययन किया। यह हल्की नींद मस्तिष्क की संरचनात्मक और कार्यात्मक क्षमताओं को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है। इस शोध में यह पाया गया कि एनआरईएम नींद मस्तिष्क को सूचना एन्कोडिंग और प्रसंस्करण में सुधार करने में मदद करती है। नींद के दौरान न्यूरॉन्स अधिक स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं, जिससे मस्तिष्क में ऊर्जा का पुनर्भरण होता है और सटीकता में वृद्धि होती है। 

शोध में यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने नींद ली, उनके दृश्य कार्यों में प्रदर्शन बेहतर हुआ, जबकि जो लोग जागते रहे, उनके प्रदर्शन में कोई बदलाव नहीं देखा गया। शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में कृत्रिम इनवेसिव स्टिमुलेशन तकनीक का उपयोग किया। इसका उद्देश्य नींद के दौरान मस्तिष्क में होने वाली गतिविधियों को दोहराना था। नतीजे बताते हैं कि एनआरईएम नींद के बिना भी इस तकनीक के जरिए मस्तिष्क को वही लाभ दिए जा सकते हैं। डॉ. नताशा खरास, जो इस अध्ययन की मुख्य शोधकर्ताओं में से एक हैं, ने कहा, “नींद के दौरान मस्तिष्क की गतिविधियां न केवल ऊर्जा पुनः प्राप्त करती हैं, बल्कि यह जानकारी को व्यवस्थित और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को पुनर्स्थापित करने का भी काम करती हैं। हमारे निष्कर्ष यह दिखाते हैं कि नींद के कुछ लाभ वास्तविक नींद के बिना भी कृत्रिम रूप से प्राप्त किए जा सकते हैं।” 

शोध में यह भी पाया गया कि नींद के दौरान न्यूरॉन्स अधिक स्वतंत्र और असंगत (इनकम्पैटिबल) रूप से सक्रिय होते हैं, जिससे मस्तिष्क की सटीकता और प्रदर्शन में सुधार होता है। शोध के प्रमुख लेखक प्रो. वैलेन्टिन ड्रागोई ने कहा, यह अध्ययन यह बताता है कि मस्तिष्क की मरम्मत और प्रदर्शन सुधारने जैसे लाभकारी प्रभावों को कृत्रिम तकनीकों के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है। यह मस्तिष्क की ऊर्जा को पुनः स्थापित करती है और तंत्रिका तंत्र को अधिक प्रभावी बनाती है। नींद के बाद घूमती हुई तस्वीरों को पहचानने में सटीकता बढ़ी। इनवेसिव स्टिमुलेशन तकनीक के जरिए न्यूरो-मॉड्यूलेशन उपचार विकसित हो सकते हैं। यह शोध नींद के महत्व को नए आयाम देता है। 


Subscribe to our Newsletter