बहू को जब सास ससुर से मतलब नहीं तो उनका मकान खाली करे,इस निर्णय के साथ कोर्ट ने बहू से 60 हजार रुपए न्यायालय खर्च ससुर को दिलवाया
Feb 23, 2024
इन्दौर पति से तलाक होने के बाद भी सास ससुर के मकान में जबरन रह रही महिला प्रोफेसर को कोर्ट ने सास ससुर का मकान खाली करने का आदेश दिया है। माननीय सक्षम न्यायालय ने निर्णय में इस टिप्पणी का उल्लेख किया कि बहू को अगर सास - ससुर की देखभाल करने से कोई मतलब नहीं है । वह अच्छी खासी नौकरी भी करती है तो अपने रहने खाने की व्यवस्था खुद करे । उसे सास - ससुर का घर खाली करना होगा ।
प्रकरण अनुसार रिटायर्ड प्रोफेसर महादेव प्रसाद यादव की उम्र अस्सी वर्ष है। विजय नगर स्कीम 78 में उनका दो मंजिला मकान है । जहां वे अपनी पत्नी के साथ ऊपरी मंजिल पर रहते हैं । निचले हिस्से में उनकी बहू रह रही हैं जिसका पिछले साल अपने पति याने उनके बेटे से तलाक हो गया है। वह इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं पति से तलाक के बाद भी उसने ससुर का मकान नहीं छोड़ा यही नहीं वह उनके साथ बुरा बर्ताव भी करती थी । परेशान होकर ससुर ने कोर्ट में सिविल केस लगाया । मामले में सभी पक्षों की सुनवाई बाद कोर्ट ने आदेश में लिखा कि बहू को जब बुजुर्ग सास ससुर कोई से मतलब नही है । वो उनकी देखभाल भी नहीं करती है । इसलिए मकान खाली करे ।
प्रकरण में पैरवी कर रहे एडव्होकेट अमर सिंह राठौर के अनुसार प्रोफेसर बहू की सैलरी एक लाख महीना से अधिक है । उन्होंने तलाक केस में पति से भरण पोषण भी मांगा था । जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया । एडवोकेट अमर सिंह राठौर के अनुसार मकान के उस निचले हिस्से में बेटा बहू साथ साथ रहते थे । बहू से विवाद के कारण बेटा मुंबई में शिफ्ट हो गया । दोनों के बीच तलाक भी हो गया । इसके बाद भी बहू ने मकान खाली नहीं किया तब उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया । मामला कुटुम्ब न्यायालय में चल रहा था । बेटे के तलाक मामले में भी कोर्ट ने बहू के व्यवहार को क्रूरता मानते हुए तलाक का आवेदन स्वीकारा था । कोर्ट ने प्रोफेसर बहू को ससुर का मकान खाली करने के लिए कहा है । साथ ही केस लड़ने में ससुर द्वारा खर्च किए 60 हजार रुपए भी लौटाने के आदेश दिए गए हैं ।