पश्चिमी विक्षोभ के असर से फिर बदला मौसम का मिजाज

Mar 02, 2024

कहीं-कहीं ओले गिरने के साथ बौछारें पडने का अनुमान 

 भोपाल । पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी एवं वहां के मैदानी इलाकों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके प्रभाव प्रदेश में कहीं-कहीं ओले गिरने के साथ बौछारें पडने का अनुमान है। अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के असर से अरब सागर के साथ ही बंगाल की खाड़ी से भी नमी आने लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में अफगानिस्तान के पास बने एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के पहाड़ों पर जबरदस्त बर्फबारी एवं मैदानी क्षेत्रों में वर्षा होने के हालात बन गए हैं। शुक्रवार को ग्वालियर, चंबल, इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हुई, ग्वालियर में छह मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। शनिवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है।

उधर शुक्रवार को प्रदेश में सबसे अधिक 37 डिग्री सेल्सियस तापमान धार एवं रतलाम में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी प्रकाश ढवले ने बताया कि वर्तमान में अफगानिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। जिससे अरब सागर तक एक द्रोणिका बनी हुई है। दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर एक प्रेरित चक्रवात बन गया है। शुक्रवार को पश्चिमी मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं वर्षा हुई। शनिवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर,नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है। इस दौरान ग्वालियर, चंबल, सागर संभाग के जिलों में ओले गिरने की भी आशंका है।

उधर पांच मार्च को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने के भी संकेत मिले हैं।मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में हवाओं का रुख दक्षिणी एवं दक्षिण-पूर्वी बना हुआ है। हवाओं के साथ बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नमी आ रही है। उधर पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी एवं वहां के मैदानी इलाकों में वर्षा का सिलसिला शुरू हो गया है।


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