ज्यादा किराये ने रोकी वंदे भारत एक्सप्रेस की राह , कम हो रहे हैँ पैसेजंर्स

Ags 09, 2024

रीवांचल सहित अन्य ट्रेनों में अगले 30 दिनों तक चल रही वेटिंग


भोपाल। भोपाल से रीवा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को इन दिनो यात्री कम मिल रहे हंै, जबकि त्योहारी सीजन में अन्य ट्रेनों में लंबी वेटिंग चल रही है। सबसे ज्यादा स्थिति खराब तो रीवा से आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की है। जिसकी आक्यूपेंसी 50 प्रतिशत से भी कम है। पूरे जुलाई महीने में यह ट्रेन कम यात्रियों के साथ  चलती रही है। और आने वाले समय में भी ट्रेन खाली ही जाने वाली है क्योकि आईआरसीटीसी की बुकिंग साइट में नजर दौड़ाई जाय तो 350  से अधिक सीटे अभी भी खाली दिख रही है। बतादें कि करीब एक साल पहले गाड़ी संख्या 20172 एक्सप्रेस को रानीकमलापति से जबलपुर के बीच संचालित किया जा रहा था। लेकिन यात्री भार नहीं मिलने पर इस ट्रेन को रीवा तक चलाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद भी ट्रेन में 100 प्रतिशत अक्यूपेंसी नहीं हो पा रही है।

0 यात्रियों को ज्यादा किराया रास नहीं आ रहा

रानीकमलापति से रीवा के लिए जब से वंदे भारत एक्सप्रेस चली है तभी से ट्रेन के किराये को लेकर यात्रियों में नाराजगी देखी गई है। रीवांचल एक्सप्रेस व भोपाल रीवा सुपरफास्ट एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनो के स्लीपर का किराया जहां 355 रुपए है वहीं वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया 1555 रुपए है यानि कि वंदे भारत ट्रेन में 1200 रुपए अधिक किराया देकर रीवा - भोपाल की दूरी तय होती है। वहीं  रीवाचंल एक्सप्रेस के अलावा कुछ दिन पहले शुरू हुई भोपाल-रीवा सुपरफास्ट द्वि-साप्ताहिक एक्सप्रेस को अच्छा रिस्पांस मिला रहा है। इस ट्रेन के पहले फेरे पर अच्छा यात्री भार मिला था,तो वहीं आने वाले दिनों के लिए यात्री लगातार रिजर्वेशन करा रहे है।

0 30 से 40 फीसदी सीटें खाली रहती है

रीवा से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन आने वाली वंदे भारत ट्रेन में 25 जुलाई से 1 अगस्त तक 7 दिन में चार दिन बर्थ आॅक्यूपेंसी लेवल यानी यात्री संख्या 70 प्रतिशत से अधिक रही। जबकि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से जबलपुर जाने वाली ट्रेन में सिर्फ एक दिन बर्थ आॅक्यूपेंसी 60 से 70 प्रतिशत से अधिक रही। इससे साफ है कि दोनों तरफ से ट्रेन लगभग 30 से 40 खाली चल रही है।

 इनका कहना है -


वंदे भारत एक्सप्रेस की भी अच्छी आॅक्यूपेंसी है। यह सीसी श्रेणी की ट्रेन होने के चलते अंतिम समय पर अधिक से अधिक लोग बर्थ बुक कराते है। स्लीपर श्रेणी की ट्रेनों में कई दिनों पहले से टिकट बुक करा लेते हैं।


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