दिल्ली में जल्द गिराई जा सकती है यह सोसाइटी

Dec 24, 2024

नई दिल्ली । दिल्ली के मुखर्जी नगर स्थित सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को जल्द गिराया जा सकता है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को इसे ध्वस्त करने की मंजूरी दे दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की आलोचना करते हुए कहा कि यह अपराध और घोर लापरवाही है जो अक्षम्य है और इससे सैकड़ों लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया है। अदालत ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने मौजूद सबूतों के आधार पर दिसंबर 2023 में बिल्डिंग को ध्वस्त करने का फैसला लिया था।  जस्टिस मिनी पुष्करण की पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि डीडीए दोबारा फ्लैट बनाए जाने तक फ्लैटों मालिकों को किराया दे। अदालत ने अपने 145 पन्नों के फैसले में अपार्टमेंट की खराब हालत पर जोर दिया जिससे वहां रहने वाले निवासियों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया। कोर्ट ने कहा, मौजूदा मामले में आवासीय टावरों के निर्माण में डीडीए द्वारा दिखाई गई उदासीनता को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनकी हालत थोड़े समय के अंतराल में ही खराब होने लगी।

डीडीए द्वारा की गई इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है, क्योंकि इससे वहां रहने वाले सैकड़ों लोगों की जान के लिए बहुत बड़ा जोखिम और खतरा पैदा हो गया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा, व्यापक मरम्मत कार्य के बावजूद, निर्माण की खराब गुणवत्ता के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर के डीजनरेशन (बिगड़ना) को रोका नहीं जा सका। 18 दिसंबर, 2023 को एमसीडी ने टावरों को संरचनात्मक रूप से असुरक्षित घोषित करते हुए ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया। अदालत ने पाया कि डीडीए का मरम्मत कार्य दिखावटी और अपर्याप्त है। जस्टिस पुष्करण ने कहा कि एमसीडी के पास इमारतों को खतरनाक और रहने के लिए असुरक्षित घोषित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। न्यायमूर्ति पुष्करण ने कहा, इस अदालत के समक्ष रखे गए विभिन्न दस्तावेजों पर विचार करते हुए, यह नहीं कहा जा सकता है कि एमसीडी आयुक्त या उनके प्रतिनिधि के समक्ष इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कोई सामग्री नहीं थी कि संबंधित इमारतें खतरनाक हैं… अपने समक्ष मौजूद सामग्री के आधार पर, एमसीडी ने डीएमसी अधिनियम की धारा 348 और 349 के तहत आदेश जारी किया, जिससे सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के टावरों को खतरनाक और रहने के लिए अनुपयुक्त घोषित किया गया।


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