
विधानसभा में गरमाया जमीन आवंटन और मुआवजे का मुद्दा, विपक्ष ने घेरा सरकार को
Mar 21, 2025
रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के सत्रहवें और अंतिम दिन आज प्रश्नकाल के दौरान जमीन आवंटन और मुआवजे को लेकर सदन में तीखी नोकझोंक हुई। राजधानी में नए विधायकों को जमीन आवंटन का मुद्दा विधायक धर्मजीत सिंह और राजेश मूणत ने उठाया। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब दिया कि फिलहाल जमीन चिन्हांकन की प्रक्रिया चल रही है और नवा रायपुर के नकटी गांव में भूमि देने पर विचार हो रहा है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि आवंटन को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
विधायक धर्मजीत सिंह ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि नए विधायकों के रहने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने सफाई दी कि मामला संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के संज्ञान में है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि, मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक विरोध जताते रहे।
इस बीच विधायक उमेश पटेल ने रायगढ़ जिले के एनएच-200 पर भू-अर्जन और मुआवजे को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने सवाल किया कि एक ही सवाल के तीन अलग-अलग जवाब कैसे दिए गए? पहले सरकार ने 820.783 हेक्टेयर जमीन का आंकड़ा दिया, फिर 141.5 हेक्टेयर बताया और अब 141.23 हेक्टेयर का दावा किया जा रहा है। आखिर कौन सा जवाब सही है?
इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा बगलें झांकते नजर आए और कहा कि जांच करवाएंगे कि आखिर आंकड़ों में इतना अंतर क्यों है। इस पर विधायक उमेश पटेल भड़क गए और कहा कि अगर सरकार खुद ही अलग-अलग आंकड़े दे रही है, तो विधानसभा की कार्यवाही की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है।
विधायक उमेश पटेल ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कई जमीनों पर कोई प्रभाव ही नहीं पड़ा, फिर भी 2 करोड़ रुपये का मुआवजा जारी कर दिया गया। उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ है। विधायक ने सरकार से सीधा सवाल किया— क्या इस घोटाले की रिकवरी होगी? क्या दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होगी? इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि मामले की शिकायत दर्ज की जाएगी और जांच करवाई जाएगी। हालांकि, इस जवाब से विधायक उमेश पटेल संतुष्ट नहीं हुए और सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सिर्फ जांच की बात करके मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश है।
इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि अगर कोई विधायक जवाब से असंतुष्ट हैं, तो वे अपनी आपत्ति लिखित में दें, जिस पर उचित कार्रवाई की जाएगी। लेकिन नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस जवाब को नकारते हुए कहा कि यह कोई छोटा-मोटा अंतर नहीं, बल्कि 820 हेक्टेयर जमीन का बड़ा घोटाला है। विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि या तो सरकार आंकड़ों को लेकर भ्रमित है या फिर जानबूझकर गड़बड़ी कर रही है।