सड़कों पर गंदगी फैलाने वालों पर ठाणे मनपा करेगी दंडात्मक
Mar 12, 2024
ठाणे, । ठाणे में हर जगह स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन कुछ नागरिकों द्वारा बार-बार सड़कों पर गंदगी, थूकना और लघुशंका करने का भी मामला सामने आ रहा है। पहली बार, ठाणे महानगरपालिका प्रशासन ने ऐसे उपद्रवी लोगों को ट्रैक करने के लिए एक उपद्रव पहचान टीम बनाने का निर्णय लिया है। दो सुरक्षा गार्डों के साथ 50 लोगों की एक खोजी टीम पूरे शहर में गश्त करेगी. सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने वालों पर भी दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. आपको बता दें कि खूबसूरत ठाणे में स्वच्छता रखने के लिए, ठाणे मनपा ने शहर की सफाई पर ध्यान केंद्रित किया है।
इसके लिए घर-घर से कचरा संग्रहण, सड़क की सफाई, व्यापक स्वच्छता अभियान समेत कई उपाय किये जा रहे हैं, लेकिन कुछ सफाई कर्मियों ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ठाणेकर के कुछ नागरिक ही इस सफाई अवधारणा को खारिज कर रहे हैं. बजट तैयार करते समय आयुक्त अभिजीत बांगर ने सफाई कर्मचारियों की राय भी मांगी थी. उस समय कर्मचारियों ने यह मामला उनके ध्यान में लाया। साथ ही सफाई कर्मचारियों ने यह भी सुझाव दिया था कि इस तरह की उपद्रवी प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए. आयुक्त ने इसे सकारात्मक रूप से लिया है और कहा है कि मनपा पहली बार इस वर्ष का बजट पेश करते समय उपद्रव दल का गठन करेगा. सड़कों पर कूड़ा फैलाने, लघुशंका करने और थूकने वालों को दंडित करने के लिए पहले भी सफाई मार्शल नियुक्त किए गए थे,
लेकिन सफाई मार्शल द्वारा जबरन वसूली के खिलाफ मिल रही शिकायतों के कारण इस पहल को रोक दिया गया था। इसके बाद दो साल पहले मनपा ने फिर से विशेष टीम बनाकर जुर्माने की राशि बढ़ाने की घोषणा की गई थी. इसके मुताबिक, सड़क पर कूड़ा फैलाने पर जुर्माना 180 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया. जबकि थूकने वालों पर 150 की जगह 500 रुपये, खुले में शौच करने वालों पर 1000 रुपये और खुले में लघुशंका करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया गया. इसके अंतर्गत कुछ कार्रवाई भी की गईं लेकिन इस कार्रवाई को व्यापक बनाने के लिए आयुक्त ने अब सफाई कर्मियों के निर्देशानुसार उपद्रव निरोधक टीम गठित करने का निर्णय लिया है.
आयुक्त अभिजीत बांगर ने साफ किया है कि यह फैसला जुर्माने की रकम वसूलने के लिए नहीं है, बल्कि शहर की सफाई व्यवस्था में खलल डालने वालों पर लगाम लगाने के लिए है. सफाई मार्शलों द्वारा उत्पीड़न की चिंताओं के कारण योजना को स्थगित कर दिया गया था, जिन्हें कार्यवाही में पारदर्शिता लानी थी। अब इस पहल को न्यूसेंस इन्वेस्टिगेशन टीम नाम दिया गया है, लेकिन पिछली गलतियों से बचने के लिए टीमों की कार्यप्रणाली को मुंबई की तर्ज पर बेहतर बनाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए इन निरीक्षकों के हाथों में रसीद बुक की जगह तत्काल फोटो-इमेजिंग उपकरण उपलब्ध कराने की योजना है।
प्रशासन का मानना है कि इससे कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी। कार्य की जिम्मेदारी ठेकेदार को सौंपी जाएगी। इसमें शर्त यह रहेगी कि ठेकेदार एक टीम नियुक्त करेगा और डिवाइस भी उपलब्ध कराएगा। संबंधित विभाग के अधिकारी ने बताया कि मनपा 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा देने को तैयार है.