मध्य प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान की जरूरत-गुप्ता

Jul 17, 2023

युगप्रदेश डेस्क :- मध्यप्रदेश शासन के वार्षिक बजट में यदि उद्योगों को रूपये 100 दिए जाते हैं उसमें माइक्रो और स्मॉल को केवल रूपये 20 ही मिल पाते हैं तथा मध्यम उद्योग एमपीआईडीसी विभाग को रूपये 80 मिल रहे हैं। विसंगति यह है मीडियम या मध्यम उद्योग 5 परसेंट है एमएसएमई विभाग मैं उद्योग 95 प्रतिशत है जिसमें केवल रूपये 20 मिल रहे हैं और एमपीआईडीसी मध्यम उद्योग को रूपये 100 में से रूपये 80 मिल रहे हैं जबकि रोजगार एवं राजस्व एमएसएमई विभाग पूरे प्रदेश में ज्यादा दे रहा है यह विसंगति को ठीक करना बहुत आवश्यक है।

हाल ही में भोपाल में आयोजित लघु उद्योग भारती सम्मेलन में मध्यप्रदेश लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष महेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,
एमएसएमई मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, उद्योग सचिव पी नरहरि एवं शासन के प्रमुख अधिकारियों की उपस्थिति में इन विसंगतियों सम्बंधी विषय उठाए। उन्होंने कहा कि माइक्रो एवं स्मॉल के लिए एमएसएमई द्वारा कलस्टर पॉलिसी बनाई गई है जिसमें शासकीय भूमि नगर निगम गाइडलाइन से 25% राशि जमा करने पर दी जाएगी।

जगह भी माइक्रो और स्माल उद्यमी को डीआईसी विभाग को बतानी होगी एवं जोकि मिनिमम 5 एकड़ एवं पांच उद्यमी उद्योग लगा सकते हैं इनकी एसबीपी बनाई जाएगी।। जगह आपके नाम अलाट कर दी जाएगी और पैसा जमा करवा लिया जाएगा किंतु विसंगति यह है इस जमीन को डेवलपमेंट करने हेतु टेंडर प्रक्रिया एवं डेवलपमेंट एजेंसी एसबीपी निर्धारित करनी पड़ेगी एजेंसी द्वारा रोड नाली सड़क एवं पानी में बिजली की व्यवस्था करनी है जिसका की उद्यमियों को डेवलपमेंट का अनुभव ही नहीं है यह पॉलिसी की धाराओं में अंकित है।

सम्मेलन में श्री गुप्ता ने सौलर विद्युत, उद्योग विभाग द्वारा प्रदेश में प्रत्येक जिले में उद्यमियों को जमीन, डीआईसी द्वारा पूर्व के वर्षों में उद्योग मित्र योजना की पॉलिसी सहित प्रत्येक जिले में उस जिले के कच्चे माल़ के अनुसार एक कलस्टर स्थापित करने सहित कई विषय रेखांकित गए। इस मौके पर संगठन के प्रदेश महामंत्री अरुण सोनी ने सभी अतिथियों का स्वासगत किया।

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