महिलाओं की सुरक्षा पर सेमिनार: मानव तस्करी के खिलाफ रेल सुरक्षा बल
Ags 30, 2024
राष्ट्रीय महिला आयोग और आरपीएफ की पहल: भोपाल में मानव तस्करी पर विशेष सेमिनार
नर्मदा क्लब, भोपाल में राष्ट्रीय महिला आयोग और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा "मानव तस्करी के प्रति जागरूकता" पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का उद्देश्य मानव तस्करी के गंभीर अपराध के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इस बुराई के खिलाफ आरपीएफ, पुलिस, जीआरपी और रेलवे स्टाफ के बीच कानूनी जानकारी और रोकथाम के उपायों को साझा करना था।
सेमिनार की शुरुआत रेलवे सुरक्षा बल पश्चिम मध्य रेलवे के महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, श्री राजीव कुमार यादव के स्वागत उद्बोधन से हुई। अपने उद्बोधन में उन्होंने बताया कि रेल सुरक्षा बल ने मानव तस्करी की रोकथाम हेतु राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ मार्च 2024 में एमओयू साइन किया है, तथा जानकारी दी कि रेल सुरक्षा बल पश्चिम मध्य रेलवे द्वारा मानव तस्करी का संभावित शिकार हो सकने वाले (घर से भागे, माता-पिता से बिछडे बालक/बालिकाओं) के बचाव एवं विभिन्न एनजीओ के माध्यम से इनके पुर्नवास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए मिशन वात्सल्य के तहत वर्ष 2023 में 496 तथा वर्ष 2024 में माह जुलाई तक 297 ऐसे बालक/बालिकाए जो रेलगाडी व रेल परिसर में परिजनों से बिछड जाने/लावारिस पाये गये, का बचाव कर एनजीओ के माध्यम से इनके पुर्नवास में सहायता की गई है। पश्चिम मध्य रेलवे में रेल सुरक्षा बल की कुल 27 AHTU स्थापित है, जिसमें कुल 84 अधिनस्थ अधिकारी एवं स्टाफ कार्यरत है।
सुश्री नीतू ठाकुर ने अपने प्रेजेंटेशन में मानव तस्करी की अवधारणा, इसके विभिन्न स्वरूप, असुरक्षित तत्वों, कानूनी ढांचे और रोकथाम की रणनीतियों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जागरूकता अभियानों और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से इस गंभीर समस्या का मुकाबला कैसे किया जा सकता है। इसके बाद, राष्ट्रीय महिला आयोग की वरिष्ठ समन्वयक सुश्री एम. लीलावती ने "लिंग संवेदनशीलता" पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने रेलवे में लिंग विविधता के प्रति समझ और समर्थन को बढ़ावा देने, महिला यात्रियों के प्रति सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने, और लिंग आधारित शिकायतों को संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ संभालने के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के अंत में, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय भोपाल की सहायक प्रोफेसर सुश्री सौभाग्या भदकारिया ने मानव तस्करी से संबंधित कानूनों की विस्तृत जानकारी दी और उनके प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल दिया।
मंडल रेल प्रबंधक भोपाल, श्री देवाशीष त्रिपाठी ने मानव तस्करी की रोकथाम में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा पुलिस, जीआरपी और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर किए जा रहे कार्यों की सराहना की और इस कार्य को निरंतर जारी रखने की अपील की। वहीं, मध्यप्रदेश पुलिस के महानिदेशक (आधुनिकीकरण) श्री शैलेश सिंह ने समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए उनके कार्यों को सम्मान देने की बात कही।
सेमिनार में मध्यप्रदेश पुलिस के महानिदेशक (आधुनिकीकरण) श्री शैलेश सिंह, मंडल रेल प्रबंधक भोपाल श्री देवाशीष त्रिपाठी, राष्ट्रीय महिला आयोग की वरिष्ठ समन्वयक सुश्री एम. लीलावती, अधीक्षक रेलवे पुलिस भोपाल सुश्री मृगाखी डेका, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त भोपाल श्री प्रशांत यादव, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) सुश्री नीतू सिंह ठाकुर, अपर मंडल रेल प्रबंधक भोपाल श्रीमती रश्मि दिवाकर, और मुख्य परियोजना प्रबंधक (गति शक्ति) श्री किशन लाल मीना एवं रेल अधिकारी शामिल थे।
इस सेमिनार में लगभग 350 रेलवे स्टाफ और अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें लगभग 200 महिला स्टाफ भी शामिल थीं। सेमिनार का आयोजन सुबह 10:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक हुआ। यह आयोजन मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और समाज में इस अपराध को समाप्त करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।