साध्वी ऋतम्भरा ने बताया जन्मभूमि आन्दोलन को आस्था का संघर्ष
Jan 20, 2024
लखनऊ। साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि उस समय तत्कालीन सरकार द्वारा कीर्तन करते निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाकर संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाई गयी थीं। हम लोगों ने मन्दिर के लिए आन्दोलन किया, कष्ट झेले, आरोपी बने, जहर पिया। भारत की मूल प्रकृति में राम और कृष्ण हैं, भारत की परम्परा और उसकी जड़ों को सींचकर ही राजनीति होनी चाहिए क्योंकि राजनीति सत्य को स्थापित करने का साधन है। इस अनुष्ठान को पूरा करने के लिए सन्तान भाव का होना जरुरी है। शुक्रवार को साध्वी ने सीतापुर रोड स्थित सेवा अस्पताल परिसर में उनके स्वागत में एकत्र हुए लोगों को सम्बोधित करते हुए साध्वी ने कहा कि राम आधार हैं और इतने बड़े संघर्ष के सागर को पार करने की नौका हैं। हमने कुछ नहीं किया केवल हिन्दू स्वाभिमान के सचेतक की भूमिका निभाई।
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने अयोध्या के लिए निकलीं साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि भगवान राम मन्दिरों की सत्ता से परे हैं और यह लड़ाई राम की नहीं अपितु हमारी आस्था की लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन भाजपा, सपा और कांग्रेस की लड़ाई नहीं थी। यह भारतीय समाज का अपने आराध्य के लिए पांच सौ साल तक किया गया संघर्ष है। इसलिए राजनीतिक दल इसे पार्टी की लड़ाई न बनाये बल्कि उत्सव मनाए।