बरसात के बाद उखड़ी सड़कें, उड़ती धूल से राहगीर परेशान

Ags 13, 2024

   भोपाल। राजधानी में बरसात के बाद शहर की 1500 किलोमीटर की सड़कें उखड़ गई हैं। उड़ती धूल से राहगीरों को वाहन चलाने में परेशानी हो रही है। लेकिन वर्षा रुकने के बाद भी नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी उखड़ी सड़कों की मरम्मत कराने पर रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यहां तक की गारंटी वाली सड़कों में भी संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा पेंच वर्क व अन्य कार्य नहीं कराए जा रहे हैं। जबकि शहरवासी इसको लेकर नगर निगम आयुक्त से लेकर महापौर तक शिकायत कर चुके हैं।

   बतादें कि शहर में नगर निगम की करीब 3800 किलोमीटर और पीडब्ल्यूडी की 500 किलोमीटर सड़क है। इनमें 50 प्रतिशत सड़कें बरसात के बाद बदहाल हो चुकी हैं। इनमें दो से चार फीट लंबे और चोड़े गड्ढे हो गए हैं। करीब दौ से अधिक स्थान ऐसे हैं, जहां 10 से 50 फीट तक सड़क पूरी तरह उखड़ गई है। भेल, कोलार, होशंगाबाद रोड, पुराने भोपाल समेत अन्य क्षेत्रों में सड़कों में उड़ती धूल की वजह से लोगों को वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है। दो पहिया वाहन चालकों के आंखों में धूल भरने से लोगों परेशान हो रहे हैं। साथ ही सड़कों पर उखड़ी गिट्टी व मलबे की वजह से प्रतिदनि सैकड़ों वाहन फिसलते हैं, जिससे वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।

पांच एजेंसियों के पास शहर की पांच हजार किलोमीटर सड़कों की जिम्मेदारी

राजधानी में नगर निगम सहित पांच एजेंसियों की 5 हजार किमी से ज्यादा सड़कें हैं। इनमें 8 फीसदी सड़कें सीपीए की थीं, जो अब पीडब्ल्यूडी के जिम्मे हैं। निगम के हिस्से वाली सड़कों की लंबाई 3879 किमी है। इनमें से ही सबसे ज्यादा सड़कें खराब हैं। पिछले साल सीएम की फटकार के बाद निगम ने 70.40 करोड़ से 288 सड़कों को दुरुस्त कराया था। वहीं इस साल 10 मई से 20 जून तक निगम ने 100 किमी से ज्यादा सड़कों का डामरीकरण किया था। इनमें से 60 फीसदी सड़कें उधड़ चुकी हैं। बाकी एजेंसियों की सड़कें भी खराब हुई हैं।

धूल की वजह से बढ़ रही बीमारी

शहर की सड़कों पर उड़ती धूल से लोगों को धूल से खांसी, दमा, सांस, एलर्जी, खुजली और फेफड़ों में इंफेक्शन की समस्या होती है। मुंह पर कपड़ा बांधकर चलने के बाद भी धूल के बारीक कण नाक और आंखों में घुस जाते हैं। जिससे आंखों में जलन होती है।

प्रभावित हो रहा व्यापारियों का कारोबार

   शहर की सड़कों पर के गुबार हवा में उड़ने के कारण वहां पर काम करने वाले व्यापारी परेशान हो रहे हैं। उनका कहना है कि धूल की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारी वर्ग को हो रही है। वे अपनी दुकान पर कोई भी सामान नहीं रख पा रहे हैं। क्योंकि वाहनों के निकलने पर सड़क से उड़ने वाली दुकानों में समा जाती है। इससे सामान खराब हो रहा है। धूल से सनी हुई सामग्री को लेने में ग्राहक भी ऐतराज दिखाते हैं।



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