भारतीय ‎रिजर्व बैंक बढ़ा सकता है रिस्क बफर का दायरा

May 19, 2025

- ‎वित्त वर्ष 25 में सरकार को रिकॉर्ड सरप्लस ट्रांसफर की उम्मीद

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय बोर्ड ने पिछले सप्ताह अपनी बैठक में आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) की समीक्षा के दौरान आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है। इस मामले से संबं‎धित जानकारी सूत्रों के मुता‎बिक ‎मिली है। बिमल जालान समिति की सिफारिश के अनुसार मौजूदा बफर केंद्रीय बैंक के बहीखाते का 5.5 से 6.5 फीसदी है। रिजर्व बैंक द्वारा सरकार को हस्तांतरित किया जाने वाला अधिशेष इस बात पर निर्भर करता है कि केंद्रीय बैंक कितना जोखिम बफर बनाए रखना चाहता है।

जोखिम बफर अधिक होने का मतलब साफ है कि सरकार को हस्तांतरित की जाने वाली अधिशेष रकम कम होगी। इसी प्रकार जोखिम बफर कम रहने पर सरकार के लिए अधिशेष रकम अधिक होगी। एक सूत्र ने कहा ‎कि जालान समिति द्वारा सुझाए गए ढांचे ने पिछले पांच साल के दौरान काफी हद तक अच्छा काम किया है। इसका दायरा काफी महत्त्वपूर्ण है। मौजूदा चुनौतियों और उतार-चढ़ाव के मद्देनजर हम यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि बड़े दायरे के बारे में कैसे सोचा जा सकता है।’ अगली बैठक 23 मई को होगी। उसमें खातों को अंतिम रूप दिया जाएगा और केंद्र की मंजूरी के बाद नई सीमा के आधार पर हस्तांतरण योग्य अधिशेष पर निर्णय लिया जाएगा।



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