आंगनबाड़ियों का सिस्टम बदलने की तैयारी

Ags 21, 2024

आंगनबाड़ियों का सिस्टम बदलने की तैयारी

 प्रदेश की आंगनबाड़ियों में पुरानी व्यवस्था को बहाल करने के लिये महिला बाल विकास की मंत्री निर्मला भूरिया इन दिनों काफी प्रयास कर रही हैं। उनका प्रयास है कि वहीं पर खाना बनने चाहिए और उसके बाद नौनिहालो ंको गरमा गरम खाना मिलना चाहिए। इस समय यहां पर इस तरह से काम नहीं हो रहा है। अभी तो थोक में खाना बनता हैफिर उसको सप्लाई किया जाता है। अंदर की खबर यह हैकि पुरानी व्यवस्था को लागू करवाने के पीछे मैडम की चाहत यह है कि इसके सिस्टम को नये सिरे से बनाया जाए। अभी तो यह हाल है कि आंगनवाड़ियों में जितने नाम लिखे होते हैँउतने लोग आते नहंी है और खाना भी बेकार जाता है। दूसरी बात यह है कि इससे अच्छा सूखा खाना दिया जाए ताकि वह बर्बाद न हो...। इसके कई और भी मतलब है जो बाद में समझ में आएंगे।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                        मामा की राखियों ने नेताओं की नींद उड़ायी

  लंबे समय में बाद जिस तरह से प्रदेश में केन्द्रीय मंत्री शिवराजसिंह चौहान का इस बार का दौरा चर्चा में है। दिnी में रहने के बाद भी मामाजी का लाड़ली बहनों के प्रति प्रेम कम नहीं हो पा रहा है। हाल ही में इच्छावन की किसान तिरंगा यात्रा में उनको जिस तरह से लाड़ली बहनों ने राखियां बांधी उससे प्रदेश के दूसरे नेताओं के कान खड़े हो गए। उनके चाहने वालों का यह कहना हैकि दिnी में मामाजी का मन नहीं लग रहा है इसलिये वह अपना मन बहलाने के लिये यहां का दौरा लगाते रहते हैं।  देखना अब यह है कि राखियां बंधवाने के इस दौर में मामाजी की एंट्री आने वाले समय में क्या रंग लाती है।

अधूरी न रह जाए एक्सटेंशन की चाहत

      इस बार सड़कों के गड्ढे पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के लिये एक बड़ा सिरदर्द बन गये। हुआ यह है कि प्रदेश भर की सड़कों के गड्ढों को लेकर जब प्रैशर बना तो विभाग के बड़े अधिकारी ने अपनी स्थिति बताने के लिये निर्माण भवन में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। यहां पर साब का प्रयास था कि किसी तरह से मंत्रीजी को लेकर आया जाए लेकिन ऐन वö पर मंत्रीजी को उनके सलाहकार ने बता दिया कि आपका वहां पर प्रेस कान्फ्रेंस में जाना उचित नहीं होगा.. तो उन्होंने कÖाी काट ली। थक हार कर साहब ने ,खुदही अपनी उपलब्धियों का बखान किया... पर अगले दिन जब अखबारों में उनकी सड़कों की असलियत छपीतो वह नजरें चुनाने लगेँ अंदर की खबर यह है कि साब अगले महीने में रिटायर होने वाले हैँ और वह नहीं चाहते हैं कि सड़कों के गड्ढे कहीं उनको ही गड्ढे में न डाल दे क्योंकि इससे उनकी एक्सटेंशन की चाहत अधूरी रह सकती है।

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