सियासी सवाल: क्या विपक्ष को धराशाई करेगा योगी का बुलडोजर फॉर्मूला

Apr 06, 2024

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के रण में इस सफलता को डबल इंजन सरकार के कामयाब फॉर्मूले के तौर पर पेश किया जा रहा है। साल 2020 में योगी आदित्यनाथ ने पहली बार बुलडोजर का इस्तेमाल किया और अपराधी के खिलाफ इसे त्वरित ऐक्शन के तौर पर दिखाया गया। इसका इस्तेमाल गैंगस्टर विकास दुबे के कानपुर के बिकारु गांव में हुआ जहां उसकी कथित अवैध संपत्तियों को ढहा दिया गया। दरअसल, दुबे और उसके गुर्गों ने रेड के दौरान पुलिस अधिकारियों पर फायरिंग की थी। इस ऐक्शन को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कुछ लोगों ने इसे लेकर तारीफ की कि सीएम योगी ने अपराधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। हालांकि, कुछ लोग इस बात को लेकर सवाल उठाते रहे कि आखिर बुलडजोर से संपत्तियों को गिराना कानूनी तौर पर सही है या नहीं? उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लॉ एंड ऑर्डर को लेकर जो प्रयोग किए, उसकी खूब चर्चा है। खासतौर से बीजेपी शासित दूसरे राज्य तो इस योगी मॉडल को अपनाते हुए भी नजर आए हैं। बुलडोजर ऐक्शन, लव जिहाद और गौ सुरक्षा को लेकर बने कानून इसमें प्रमुख हैं। यूपी सरकार की ओर से अब चुनावी रैलियों में भी लगातार यह दावा किया जाता रहा है कि कैसे उसने कानून और व्यवस्था को मजबूत किया है। साथ ही माफिया राज खत्म किया गया है जिससे राज्य में रोजगार और निवेश बढ़ा है। 

नवंबर 2020 में राज्य सरकार लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून लेकर आई। इसके तहत अब तक 900 लोगों को जेल में डाला गया है। कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश और झारखंड जैसे दूसरे राज्य भी इस तरह का कानून लागू करते नजर आए हैं। भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार सिर्फ राम को ही नहीं लाई है, बल्कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों का राम नाम सत्य भी कर देती है। उन्होंने राजनीतिक विरोधियों पर भी जमकर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार में सुरक्षित यूपी का सपना पूरी तरह से साकार हो चुका है। योगी ने कहा, हम सिर्फ राम को ही नहीं लाए हैं बल्कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों का राम नाम सत्य भी कर देते हैं।

अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल

योगी सरकार की ओर से अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल यहीं पर नहीं रुका, बल्कि इसके बाद दूसरी जगहों पर इसे भेजा गया। यही वजह रही कि योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा भी कहा जाने लगा। अपराधियों की प्रॉपर्टी के खिलाफ बुलडोजर के इस्तेमाल का यह फॉर्मूला हिट रहा और दूसरे राज्य भी इसे अपनाते नजर आए। खासतौर से हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात और यहां तक कि दिल्ली में बुजडोजर से कार्रवाई होती देखी गई। योगी आदित्यनाथ सरकार के बीते 7 साल के कार्यकाल में 10,902 एनकाउंटर्स हुए हैं जिनमें 197 लोग मारे गए। यह जरूर है कि इस तरह की कार्रवाई को लेकर मानवाधिकार के हवाले से सवाल उठे हैं। हालांकि, बीजेपी की ओर से क्राइम के खिलाफ सख्त ऐक्शन के तौर पर पेश किया गया है। 



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