थाने पर पथननि के विनयमित कर्मचारी होंगे नियमित,मिलेगा इंश्योरेंस का लाभ
Ags 23, 2024
दैनिक वेतनभोगी महिलाकर्मियों को मिलेगा मातृत्व अवकाश
भोपाल। नगर निगम भोपाल में बीते डेढ़ दशक से जितने भी सामान्य प्रशासन विभाग शाखा के प्रभारी हुए उन्होंने कर्मचारी हित को दरकिनार कर कई फैसले किए इनमें कर्मचारियों के प्रमोशन, विनयमित कर्मचारियों का नियमितिकरण, दैनिक वेतनभोगियों की शिक्षा लिहाज से सुधार का मामला हो इन सभी मामलों में नियमों की अनदेखी कर कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाया गया लेकिन अब इस प्रथा में बदलाव होने के आसार है। इसकी शुरुआत इसी माह विनियमित कर्मचारियों को नियमित करने से हो सकती है। दरअसल आयुक्त हरेंद्र नारायण की पहल पर इस काम का जिम्मा सीबी मिश्रा से लेकर चंचलेश गिरहारे को दिया गया है जो जल्द ही काम शुरु करेंगे। सूत्र बताते है कि आयुक्त हरेंद्र नारायण ने स्पष्ट कहा है कि नियमों को ध्यान में रखकर कर्मचारियों की पदोन्नति से लेकर जितने भी मामले है उन्हें प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाए। इससे पहले एमपी सिंह के अपर आयुक्त रहते हुए सफाईकर्मियों को ही नियमित करने का मामला चला था जिसकी सूची भी जारी हुई थी लेकिन यह काम अटक गया। अब निगम नए सिरे से विनयमित कर्मचारियों को नियमित करने जा रहा है। करीब 500 विनयमित कर्मचारी निगम में कार्यरत है।
महिलाकर्मियों को मिलेगा मातृत्व अवकाश
उधर श्रम विभाग द्वारा असंगठित और संगठित क्षेत्र के मजदूरों को मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जा रहा है लेकिन निगम के दैनिकवेतनभोगी कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिला है। इसको देखते हुए अब निगम भी शासन की गाइड लाइन को ध्यान में रखकर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को इसका लाभ देगा। इसको लेकर आयुक्त के निर्देश के बाद जीएडी प्रभारी जल्द ही फैसला लेंगे। ऐसे में निगम में कार्यरत करीब तीन हजार दैनिकवेतनभोगी महिला कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर बदलेगी श्रेणी
उधर जीएडी द्वारा जल्द ही दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर उच्च कुशल, कुशल, अर्द्वकुशल श्रेणी में प्रमोट किया जाएगा। इसके अलावा साल 2009 के पहले के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विनयमित करने की प्रक्रिया भी करने के आसार है। इसको लेकर निगम प्रशासन और निगम परिषद भी तैयार है लिहाजा अब जीएडी के कामकाज में बदलाव के साथ कर्मचारी हित से जुड़े मामलों को प्राथमिकता मिलने के आसार है।
इनके कार्यकाल में नहीं हुआ कर्मचारियों का भला
बीते डेढ़ दशक में उपायुक्त के तौर पर काम करनेवाले फरीद कुरैशी, लालाराम कोली और सीबी मिश्रा की कार्यशैली केवल कर्मचारियों के मामलों को अटकाने की रही है यही वजह है कि कई मामले कोर्ट में लंबित है। कई कर्मचारियों को प्रमोट नहीं किया गया जबकि कई मामलों में नियमों का ही सहारा लेकर कुछ कर्मचारियों को पदोन्नति भी दी गई जो कि विवादित रही है।
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