यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी के माता-पिता को सजा नहीं मिलनी चाहिए- बॉम्बे हाईकोर्ट
Dec 20, 2024
- क्या सरकार की मदद से कहीं उनका पुनर्वास नहीं किया जा सकता ?
मुंबई, । मुंबई से सटे बदलापुर के एक नामचीन स्कूल में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे के माता-पिता को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि बदलापुर यौन शोषण मामले में मृत आरोपी के माता-पिता को सज़ा क्यों? उनकी गलती क्या है? आरोप उनके बेटे पर लगा है तो उन्हें कष्ट क्यों सहना चाहिए? दरअसल बॉम्बे हाई कोर्ट ने कल ऐसे सवाल उठाए। साथ ही कोर्ट ने ये सवाल भी पूछा है कि क्या महाराष्ट्र सरकार उनके आश्रय और रोजगार की व्यवस्था कर सकती है? बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायधीश रेवती मोहिते डेरे और न्यायधीश पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में मृत आरोपी के माता-पिता से संक्षिप्त बातचीत की। इस साल सितंबर महीने में इस मामले का मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
आरोपी अक्षय शिंदे को अगस्त में बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय में दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। माता-पिता ने अदालत को बताया कि उनके बेटे की गिरफ्तारी के बाद से, वे जहां भी जाते हैं उन्हें लोगों की टिका टिप्पणी का सामना करना पड़ता है और बदलापुर में अपने घर पर भी नहीं रह सकते हैं। आरोपी के माता-पिता ने अदालत को बताया, हमें उस घर से निकाल दिया गया है जहां हम रह रहे थे। हम कल्याण रेलवे स्टेशन पर रह रहे हैं। हमें नौकरी भी नहीं मिल रही है। हमारे पास पैसे नहीं हैं। इस पर पीठ ने सरकारी वकील हितेन वेणेगांवकर से इस मामले को देखने के लिए कहा कि क्या राज्य सरकार या किसी एनजीओ के माध्यम से आरोपी के माता-पिता को कोई मदद प्रदान की जा सकती है। अदालत ने कहा, मृत आरोपी के माता-पिता इस मामले में दोषी नहीं हैं।
उन्हें कष्ट क्यों सहना चाहिए? उनके बेटे पर जो भी आरोप है उसकी सजा उन्हें नहीं मिलनी चाहिए। क्या सरकार की मदद से कहीं उनका पुनर्वास नहीं किया जा सकता? क्या कुछ गैर सरकारी संगठन उन्हें नौकरी या आश्रय ढूंढने में मदद कर सकते हैं? उन्हें जीवित रहने और आजीविका कमाने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम होने की आवश्यकता है। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी 2025 को तय की है। आपको बता दें कि बदलापुर के एक नामचीन स्कूल में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। अदालत ने सरकार को स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का निर्देश दिया। जिसके अनुसार समिति द्वारा जनवरी 2025 में अपनी रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है।