घुटनों पर आया पाकिस्तान, दुश्मनी भूल दोस्ती की देने लगा दुहाई, चीन बन रहा चौधरी

बीजिंग । अमेरिका के बाद अब चीन को चौधरी बनने का शौक चर्राने लगा है। तभी उसने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में दखल देने की कोशिश की, जबकि भारत ने बार-बार कहा है कि दोनों देशों के बीच जो भी मुद्दा है, उसे आपस में ही निपटाया जाएगा। बता दें कि चीन खुद के सीमा विवाद सुलझाने में पूरी तरह नाकाम रहा है और भारत पाकिस्तान के विवाद को सुलझाने की दम भर रहा है। 

चीन ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच ‘स्थायी संघर्षविराम’ सुनिश्चित करने के लिए एक रचनात्मक भूमिका निभाएगा। पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार के शीर्ष चीनी राजनयिक वांग यी के साथ वार्ता के लिए यहां पहुंचने पर बीजिंग की ओर से यह बयान दिया गया। डार तीन दिवसीय यात्रा पर बीजिंग पहुंचे। भारत द्वारा सात मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी ढांचों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक हमले किए जाने के बाद चीन का दौरा करने वाले डार पहले उच्च स्तरीय पाकिस्तानी अधिकारी हैं।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में चलाया गया था जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। उम्मीद है कि डार भारत के सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले सहित कई मुद्दों पर अपने सदाबहार सहयोगी चीन के साथ चर्चा करेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, चीन और पाकिस्तान सदाबहार रणनीतिक सहयोगी और साझेदार हैं… डार की यह यात्रा पाकिस्तान सरकार द्वारा चीन-पाकिस्तान संबंधों के विकास को दिए जाने वाले उच्च महत्व को दर्शाती है। माओ ने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति के बारे में चीन ने कई मौकों पर अपना रुख स्पष्ट किया है। हम दोनों पक्षों के साथ संवाद बनाए रखने और पूर्ण और स्थायी युद्धविराम को सुनिश्चित करने तथा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभाने के इच्छुक हैं।

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान चीन के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं और चीन दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है। उन्होंने कहा, “चीन एक सौहार्दपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध पड़ोस, मैत्री, ईमानदारी, पारस्परिक लाभ और समावेशिता के सिद्धांत और सभी पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को बनाने में साझा भविष्य के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, उन्होंने भारत के इस दावे से जुड़े सवाल को टाल दिया जिसमें कहा गया है कि चीन ने हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को हवाई रक्षा और उपग्रह सहायता प्रदान की और चीनी सैन्य प्रणालियों ने औसत से कम प्रदर्शन किया।


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