अस्पतालों में अरबो रुपए के ऑक्सीजन प्लांटो ने दम तोड़ा
Dec 19, 2023
ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर हुआ करोडों रुपए का घोटाला
नई दिल्ली । कोरोना बीमारी के समय देश भर के अस्पतालों में आनन -फानन में ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे। अभी 3 साल भी नहीं हुए। यह सारे ऑक्सीजन प्लांट अपने जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ते हुए दिख रहे हैं। कई ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेशनल नहीं है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अलग से बजट नहीं दिया गया है। इनका मेंटेनेंस बहुत महंगा है। जितनी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं थी। उससे कहीं ज्यादा क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगा दिए गए थे।बाजार से जो सिलेंडर में ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है। वह काफी सस्ती पड़ती है। प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई करने पर यह काफी महंगी होती है।इसकी शुद्धता भी कम होती है।
सिलेंडर और ऑक्सीजन प्लांट
सिलेंडर की ऑक्सीजन 99 फ़ीसदी शुद्ध होती है। वही ऑक्सीजन प्लांट की ऑक्सीजन 92 से 96 फ़ीसदी तक ही शुद्ध होती है। यदि प्लांट घटिया है, तो शुद्धता और भी कम हो जाती है। इनका रखरखाव और बिजली का खर्च बहुत ज्यादा है। जिसके कारण ऑक्सीजन प्लांट से उत्पादित ऑक्सीजन 2 से 3 गुना महंगी पड़ती है। जिसके कारण ऑक्सीजन प्लांट केवल माक ड्रिल के रूप में उपयोग में ले जा रहे हैं।
देश में ऑक्सीजन प्लांट की हालत छत्तीसगढ़ के रायपुर में दो ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। इसमें एक चालू है,और एक बंद है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में तीन ऑक्सीजन प्लांट लगे थे। इसमें तीनों बंद पड़े हुए हैं।भोपाल में 6 ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे। इसमें पांच चालू हैं। एक प्लांट बंद है।अंबाला में 2 ऑक्सीजन प्लांट लगे थे,दोनों ही बंद पड़े हैं। चरखा दादरी में एक ऑक्सीजन प्लांट लगा था, वह भी बंद पड़ा है। रेवाड़ी में तीन प्लांट लगाए गए थे, तीनों बंद पड़े हैं। पटना में तीन प्लांट लगाए गए थे। इसमें से दो चालू है, एक बंद पड़ा हुआ है।रांची में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे। दोनों ही बंद पड़े हैं।इसी तरह बागपत मे भी एक प्लांट लगाया गया था, वह भी बंद पड़ा हुआ है। अन्य शहरों की जानकारी नहीं होने से यह नहीं कहा जा सकता है, कि कितने प्लांट चालू है, कितने बंद है। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों का कहना है कि ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर अरबो रुपए का बारा न्यारा हुआ है। 80 फ़ीसदी ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो रही है अभी भी सिलेंडरों के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है।