
डिजिटल क्राइम से बचाव की नई पहल, दिल्ली पुलिस ने लॉन्च किया साइबर सेफ्टी कियोस्क
Feb 15, 2025
नई दिल्ली । डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल डिवाइस में वायरस, मालवेयर और खतरनाक ऐप्स के जरिए लोगों की निजी जानकारी चुराकर उसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी खतरे को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने ‘साइबर सेफ्टी कियोस्क’ की शुरुआत की है। इस अत्याधुनिक मशीन का उद्घाटन पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने पुलिस मुख्यालय, जय सिंह रोड स्थित कैंटीन में किया। यह कियोस्क न केवल पुलिसकर्मियों बल्कि आम नागरिकों को भी उनके मोबाइल और डिजिटल डिवाइस को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
इस कियोस्क को राष्ट्रीय विधि विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर द्वारा बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य मोबाइल फोन, पेन ड्राइव और अन्य स्टोरेज डिवाइस में मौजूद खतरनाक फाइलों और ऐप्स को स्कैन कर उनकी पहचान करना है। मुख्य तौर पर ये मालवेयर, वायरस और बैकडोर जैसी खतरनाक फाइलों की पहचान करेगा, भारत सरकार द्वारा बैन किए गए ऐप्स का पता लगाएगा, संक्रमित एप्लिकेशन का सटीक लोकेशन बताएगा, एंड्रॉयड, आईफोन और विंडोज ऐप्स की गहराई से जांच भी करेगा और स्कैनिंग के बाद विस्तृत रिपोर्ट तक तैयार करेगा। उपयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन या स्टोरेज डिवाइस को कियोस्क से जोड़ेंगे।
फिर मशीन स्कैनिंग कर वायरस और मालवेयर का पता लगाएगी। अगर डिवाइस संक्रमित पाई गई, तो यूज़र को सतर्क किया जाएगा और कियोस्क के माध्यम से ही वायरस हटाने का विकल्प मिलेगा। स्कैनिंग पूरी होने के बाद रिपोर्ट ईमेल पर भी भेज दी जाएगी। स्पेशल सीपी क्राइम ब्रांच देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि यह कदम साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है। इससे डिजिटल जागरूकता बढ़ेगी और साइबर अपराधों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। अब नागरिक आसानी से अपने मोबाइल और अन्य डिजिटल डिवाइस की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।