ठीक नहीं चल रहे नागरसिंह चौहान के सितारे इन दिनों भोपाल।

Ags 21, 2024

भोपाल। मपी के मंत्री नागरसिंह चौहान के सितारे इन दिनों ठीक नहीं चल रहे। उनसे जब वन विभाग छीनकर मंत्री रामनिवास रावत को दे दिया गया तो वे गुस्सा उठे थे। उन्होंने अपनी सांसद पत्नी के साथ इस्तीफा देने का ऐलान कर पार्टी और सरकार को खुली धमकी दे दी थी। लगता है, मंत्री नागर सिंह चौहान की यह धमकी सीएम मोहन यादव अभी भूले नहीं हैं। मंत्रियों को जिले के प्रभार देने में यह बात सामने आ रही है।

  मंत्री नागरसिंह चौहान को भी दो जिलों का प्रभार दिया गया।उन्हें आगर और उमरिया जिलों का प्रभारी बनाया गया है। विशेष बात यह है कि ये दोनों जिले नागरसिंह चौहान के गृह नगर अलीराजपुर से खासे दूर हैं। उमरिया तो करीब 9 सौ किमी दूर है। मंत्रियों के गृह नगरों से प्रभार वाले जिला मुख्यालय की यह सर्वाधिक दूरी है। अलीराजपुर से उमरिया तक के कार के सफर में मंत्री नागर सिंह चौहान को कम से कम 12 घंटे लगेंगे।

    तथ्य यह भी है कि नागरसिंह चौहान से कनिष्ठ कई मंत्रियों को उनके गृह नगरों से बिल्कुल पास के जिलों का प्रभार दिया गया है। मंत्री कृष्णा गौर को सीहोर और टीकमगढ़ का प्रभार दिया गया है। सीहोर तो उनके गृह नगर भोपाल से केवल 38 किमी दूर है। मंत्री कृष्णा गौर का प्रभार का दूसरा जिला टीकमगढ़, भोपाल से 278 किमी दूर है।   इनकी तुलना में मंत्री नागर सिंह चौहान को खासा दूर जाना पड़ रहा है। उनके प्रभार वाला आगर जिला मुख्यालय जहां गृह नगर अलीराजपुर से 307 किमी दूर है वहीं उमरिया जिला मुख्यालय तो पूरे 870 किमी दूर है। इस प्रकार जहां मंत्री कृष्णा गौर अपने गृह नगर से महज आधा घंटे में ही सीहोर पहुंच जाएंगी वहीं मंत्री नागर सिंह चौहान को गृह नगर से उमरिया पहुंचने के लिए 12 घंटे से भी ज्यादा का समय लगेगा।


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