मतदान प्रक्रिया पर कोई प्रश्न न उठे, इसलिए कराते है माक पोल

Mar 16, 2024

 प्रत्याशियों की भागीदारी की जाती है सुनिश्चित 

   भोपाल। निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए हर स्तर पर प्रयास करता है। मतदान प्रक्रिया पर कोई प्रश्न न उठे, इसके लिए मतदान से पहले माक पोल कराया जाता है। पूरी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों के साथ प्रत्याशियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है। मतगणना के समय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज मतों का मिलान वोटर वेयरीफायबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपैट) की पर्ची से किया जाता है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से पांच-पांच वीवीपैट ली जाती हैं। इनमें जो पर्चियां होती हैं, उनका मिलान ईवीएम में दर्ज वोटों से किया जाता है।यह पूरी प्रक्रिया प्रत्याशी के अधिकृत प्रतिनिधि की उपस्थिति में संपन्न की जाती है। इसके लिए गणना प्रभारी भी अलग होता है।

इसका उद्देश्य यही है कि मतदान प्रक्रिया को लेकर किसी के मन में कोई भ्रम न रहे। मतदाता को मत देने के बाद वीवीपैट के माध्यम से यह पता चलता है कि उसने जिसे वोट दिया है, वह उसी को गया है या नहीं। सात सेकंड तक पर्ची दिखाई देती है और फिर यह कटकर बाक्स में गिर जाती है। मतदाता इस प्रक्रिया को समझें, इसके लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है।दरअसल, कई लोग ईवीएम से मतदान को लेकर प्रश्न उठाते हैं, पर जब ईवीएम में दर्ज और वीवीपैट की पर्ची का मिलान किया जाता है तो एक ही स्थिति सामने आती है। 


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