सड़को के गड्ढे नापने वाला लोकपथ एप खुद गड्ढे में

Nov 11, 2024

  भोपाल। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग ने सड़कों के गड्ढे दुरुस्त करने को लेकर बनाया गया एप खुद ही इस समय विवादो में चल रहा है। इसमें दो महीने में  2744 शिकायतें पहुंची थी लेकिन उसके बाद भी सड़कों की हालत खराब है।  इन ऑनलाइन कम्प्लेन के निराकरण के लिए विभाग से कराई जा रही माॅनिटरिंग के बाद 66 शिकायतें ऐसी हैं, जिन पर कार्रवाई किया जाना बाकी है। सड़क पर गड्ढों की कम्प्लेन के लिए अब तक सवा लाख से अधिक मोबाइल यूजर्स ने लोकपथ एप डाउनलोड किया है। इस एप पर कम्प्लेन के बाद 7 दिन की टाइम लिमिट में गड्ढे नहीं भरी जाने वाली सड़कों में एक सड़क सीएम यादव के गृह जिले उज्जैन की भी है।


 क्या क्या होगा इसमें

 लोकपथ एप पर आने वाली शिकायतों की निगरानी के लिए राज्य स्तर, मुख्य अभियंता स्तर, अधीक्षण यंत्री स्तर और कार्य पालन यंत्री स्तर पर अमले की तैनाती की गई है।

एप अगर काम नहीं कर रहा है तो इसके सुधार की जिम्मेदारी साफ्टवेयर बनाने वाली एमपीएसईडीसी की है। लोकपथ एप साफ्टवेयर एमपी स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन  और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से बनाया है।

 क्या क्या होना था

 जियो टैग से जुड़ी सड़कों को इस लोकपथ एप पर अपलोड किया गया है। इसमें खराब सड़क के फोटो अपलोड किए जाने पर उसके सुधार और सुधरी सड़क की फोटो अपलोड करने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के उपयंत्री की रखी गयी थी इस एप में पीडब्ल्यूडी की एनएच और स्टेट हाईवे की सड़कें, जिला मार्ग, एमपी आरडीसी और एमपीआरआरडीए की सड़कों को शामिल किया गया है। शुरुआत में यह एप सिर्फ एंड्रायड एप पर डाउनलोड हो रहा था। आईफोन पर यह एप डाउन लोड नहीं होता था। इसलिए शुरुआती खराब सड़कों की कम्प्लेन एंड्रायड मोबाइल पर एप डाउनलोड करके फोटो अपलोड कर की जा रही थी लेकिन अब इसमें और अधिक सुधार किया गया है और अब आईफोन में भी इसे अपलोड किया जा सकता है।

 क्या स्थिति है


   लोक निर्माण विभाग के अफसरों के अनुसार चार सड़कों के गड्ढे सात दिन की अवधि पूरी होने के बाद भी नहीं भरे जा सके हैं। इस पर संबंधित जिलों के कार्यपालन यंत्रियों को सूचना देकर इसे समय सीमा में दुरुस्त करने के लिए कहा है। अब एक दो दिनों में इस पर काम नहीं हुआ तो नोटिस देने की कार्रवाई की जाएगी। जो सड़कें सात दिन की टाइम लिमिट पार कर गई हैं, उनमें से दो रतलाम जिले की एक ही रोड की हैं। इसके अलावा एक उज्जैन जिले की पीडब्ल्यूडी और एक नरसिंहपुर जिले की एमपीआरडीसी की सड़क से संबंधित है।

   यूजर्स के कमेंट्स-ग्रामीण सड़कों को क्यों नहीं जोड़ा

  लोकपथ एप पर प्रिंस मालवीय और अंकू कुशवाहा समेत कुछ यूजर्स ने कमेंट किया है कि इसमें ग्रामीण सड़कों को क्यों नहीं जोड़ा गया। शायद इसकी वजह ग्रामीण सड़क ज्यादा ही खराब होती है और शासन-प्रशासन ध्यान भी नहीं देता है। ज्यादा आबादी गांव में रहती है, मूर्ख बनाने के लिए चुनिंदा रोड को इसमें ऐड किया है।


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