हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी तेल शिप ओलंपिक स्पिरिट पर किया हमला

- इजराइल-अमेरिका को दिया संदेश, आक्रमण नहीं रुकेंगे तो सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी

वाशिंगटन। यमन में हूती विद्रोहियों ने दो बड़े हमलों को अंजाम देकर ग्लोबल कम्यूनिटी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। उनके इन हमलों ने एक बार फिर तेल व्यापार और समुद्री मार्गों की सुरक्षा को लेकर वैश्विक परिदृष्य में चिंता खड़ी कर दी है। पहला हमला अमेरिकी तेल शिप और ओलंपिक स्पिरिट पर किया गया। यह जहाज लाल सागर में स्थित था। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए हुती ल़ड़ाकों ने 11 बैलिस्टिक मिसाइलों और दो ड्रोन जहाज पर दागे। इस हमले से जहाज को भारी क्षति हुई है।

इस ऑपरेशन को संयुक्त रूप से हूती की मिसाइल फोर्स, ड्रोन एयर फोर्स, और नौसेना बलों ने मिलकर अंजाम दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह हमला दुश्मन की समुद्री गतिविधियों को नियंत्रित करने और उन्हें चेतावनी देने के उद्देश्य से किया गया था। बता दें कि लाल सागर, एक प्रमुख तेल परिवहन मार्ग है और इस हमले के बाद यह परिवहन मार्ग और ज्यादा अस्थिर हो सकता है।

हूती लड़ाकों ने दूसरा हमला हिंद महासागर में मौजूद सेंट जॉन नामक जहाज पर किया। इस हमले में क्रूज मिसाइल से जहाज पर सीधा हमला किया गया, जिससे वह भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। हूती विद्रोहियों ने इन हमलों के जरिए ये बताने की की कोशिश की है कि उनकी सैन्य शक्ति और समुद्र के बीच युद्ध लड़ने की उनकी क्षमता को कम नहीं आंका जाए साथ ही यह भी बता दिया कि वे अपने दुश्मनों के खिलाफ किसी भी स्थिति में आक्रामक कार्रवाइयां करने को तैयार हैं।

हूती बलों ने इस हमले के बाद ऐलान किया है कि वे इजराइल के खिलाफ अपनी नौसैनिक नाकेबंदी जारी रखेंगे। उनका कहना है कि जब तक इजराइल आक्रमण नहीं रुकता, वे अपनी सैन्य कार्रवाइयों को बंद नहीं करेंगे। वे समुद्री परिचालन क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे और अपने दुश्मनों के खिलाफ हमले जारी रखेंगे। इन हमलों के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय विशेष रूप से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि ये हमले तेल और व्यापारिक मार्गों पर सीधा असर डालते हैं। लाल सागर और भारतीय महासागर में हुई इन कार्रवाइयों ने समुद्री सुरक्षा पर गंभीर संकट पैदा कर दिया है।


Subscribe to our Newsletter