जीआईएस लैब:ड्रोन-सैटेलाइट से भोपाल और दूसरे शहरों पर रहेगी नजर, अवैध निर्माण कहां हो रहा है मिलेगा अलर्ट
Ags 07, 2024
भोपाल। भोपाल सहित प्रदेश की नगरीय निकायों को वैध-अवैध निर्माण के अलावा अतिक्रमण के भी अलर्ट मिलेंगे। नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय ने भोपाल में जीआईएस लैब की स्थापना के लिए टेंडर फाइनल कर दिए हैं। लैब बनने के बाद ड्रोन और सैटेलाइट की मदद से शहरी क्षेत्रों पर नजर रखी जा सकेगी।
शहर में कहीं भी अवैध निर्माण होता है या बिल्डिंग परमिशन के अलावा अतिरिक्त निर्माण होता है तो संबंधित नगर निगम या नगर पालिका को अलर्ट मिलेगा। इसके बाद आयुक्त या सीएमओ संबंधित जगह पर अपनी टीम भेजकर जांच कर सकेंगे। नालों या सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हुआ तो भी अलर्ट मिलेगा। लैब का निर्माण करीब एक साल में पूरा होगा और इस पर 13 करोड़ रु. खर्च होंगे।
क्या क्या होगा खास
- निकायों को : लैब बनने के बाद सभी शहरी क्षेत्रों का पूरा नक्शा आॅनलाइन उपलब्ध होगा। सीवर लाइन, सड़क, सरकारी जमीन, निजी जमीन आदि की जानकारी आॅनलाइन होगी।
-संपत्ति स्वामी को : अपने बकाया टैक्स, बिल्डिंग परमिशन आदि की स्थिति आॅनलाइन देख सकेंगे। संपत्ति खरीदने से पहले भी इनकी जानकारी ली जा सकेगी।
सर्वे एजेंसियों को : अभी कोई एजेंसी सर्वे करती है तो महीनों लगते हैं। अब एक क्लिक पर डेटा उपलब्ध होगा। पीएम गति शक्ति से डेटा अन्य सरकारी एजेंसियों से साझा करना आसान होगा।
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इनका कहना है ...
प्रस्तावित लैब में मप्र के शहरी क्षेत्रों का पूरा आॅनलाइन डेटाबेस उपलब्ध होगा। सैटेलाइट-ड्रोन इमेज से लगातार अपडेट मिलेंगे। प्रयास कर रहे हैं कि लैब 6 महीने में शुरू कर दें।
-देवेंद्र व्यास, असिस्टेंट डायरेक्टर (आईटी), संचालनालय, नगरीय विकास एवं आवास
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