बच्चियों को अब सताने लगा भविष्य का डर
Jan 09, 2024
39 बच्चियों को माता-पिता को सौंपा
भोपाल । राजधानी के समीप तारासेवनिया में बगैर अनुमति के संचालित हो रहे आंचल बालगृह में रह रहीं बच्चियों को अब भविष्य की चिंता सताने लगी है। सोमवार को यहां रह रहीं 41 में से 39 बच्चियों को बिना दस्तावेजों का निरीक्षण और काउंसलिंग किए ही माता-पिता को सौंप दिया गया। बीते दिनों राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निरीक्षण के दौरान इसके बिना मान्यता के संचालित होने की बात सामने आई थी। बच्चियों को परिजनों को सौपने के दौरान अभिभावकों ने रोष जताते हुए बाल कल्याण समिति कार्यालय (सीडब्ल्यूसी) के सामने हंगामा भी किया। वहीं दो अनाथ बच्चियों को बालिका गृह भेजा गया है। इस दौरान अभिभावकों ने कहा कि बच्चियां तीन साल से यहां पढ़ाई कर रही थीं।
अब उन्हें उनके भविष्य की चिंता है, क्योंकि ऐसे में पढ़ाई भी प्रभावित होगी। अभिभावकों ने कहा कि बच्चियों की परीक्षा का समय नजदीक है। ऐसे में वह मानसिक तनाव से गुजर रही है। उसे इसकी भी चिंता है कि अब वह परीक्षा दे पाएगी या नहीं। उन्होंने कहा कि हम मजदूर हैं, स्कूल का खर्च उठाना हमारे बस में नहीं है।
एक अभिभावक ने कहा कि असुरक्षित माहौल के कारण बेटी को छात्रावास में रखा था, अब वहां भी संकट है। उधर, बाल आयोग की सदस्य डा. निवेदिता शर्मा का कहना है देर शाम बिना काउंसलिंग किए और दस्तावेजों का निरीक्षण किए बच्चियों को छोड़ दिया गया है। बच्चियों के पास कोई भी पहचान पत्र नहीं मिला था। यहां रह रही बच्चियों की जानकारी सीडब्ल्यूसी को नहीं दी गई थी।