साढ़े नौ साल तक नहीं मिली जमानत

Feb 27, 2024

नई दिल्ली । अपहरण कर हत्या करने के मामले में प्रदीप साढ़े नौ साल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद रहा, कोर्ट से बरी होने पर बाहर आया तो उसका बेटा उसे पहचान नहीं पाया। पिता की जो फोटो वह घर पर देखता था, सामने आने पर वह वैसा नहीं दिख रहा था। ये बानगी अकेले प्रमोद की नहीं है, उसके साथ चार और लोग बरी हुए, जिन्हें इतने लंबे समय तक जमानत नहीं मिली थी। पिछले साल केस की जल्द सुनवाई के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ट्रायल तेजी से हुआ। दो लोगों के लिए तो विधिक सेवा प्राधिकरण के वकीलों ने पैरवी की।

इस मामले में साक्ष्य न होने पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा कि पुलिस परिस्थितिजन्य साक्ष्य को आधार बनाकर अपराध साबित करने का प्रयास कर रही थी, जिसकी वह कड़ी से कड़ी नहीं जोड़ पाई। कोर्ट ने आदेश में कहा कि पुलिस यह साबित नहीं कर पाई कि आरोपित बनाए गए किसी व्यक्ति को उस व्यक्ति के साथ देखा गया, जिसकी हत्या हुई थी। मृतक के सिर से पार निकली गोली कार से बरामद बताई गई थी, लेकिन उसे बायोलॉजिकल जांच के लिए नहीं भेजा गया, जिससे मालूम हो पाता कि उस पर खून के निशान थे या नहीं। ज्योति नगर के रहने वाले 60 वर्षीय दिनेश कुमार अग्रवाल का 20 अगस्त 2014 को अपहरण हुआ था।

नके बेटे ने ज्योति नगर थाना पुलिस में शिकायत पंजीकृत कराई थी। यह भी आरोप लगाया था कि अपहरणकर्ता ने तीन करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है। इसके अगले दिन हरियाणा के रोहतक जिले के खिड़वाली गांव मे मिली थी।


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