आधुनिक जीवनशैली के कारण बढ़ रहा अवसाद

अवसाद एक मानसिक समस्या होती है, जो आजकल की आधुनिक जीवनशैली की वजह से तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाती जा रही है। तनाव या अवसाद के कई कारण हो सकते हैं। इनके कारणों के आधार पर इनके तमाम इलाज भी ढूंढे जाते हैं। लोगों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा, अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष, किसी तरह का मानसिक आघात या फिर रिश्तों में किसी भी प्रकार का मनमुटाव, इनमें से कुछ भी अवसाद का कारण हो सकता है। हाल ही में हुए एक शोध में तनाव के एक और कारण की खोज की गई है। इस शोध में यह दावा किया गया है कि इम्यून (रोग प्रतिरोधी ) प्रणाली में गड़बड़ी की वजह से भी अवसाद की समस्या हो सकती है। इस तरह के अवसाद को एंटी-इन्फ्लेमेट्री यानी कि सूजनरोधी दवाओं के इस्तेमाल से सही किया जा सकता है।

अवसाद के इलाज के लिए फिलहाल जिन तरीकों का प्रयोग किया जाता है उनमें दिमाग में मूड-बूस्टर रसायनों तथा सेरोटोनिन की मात्रा को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाता है। शोधकारों ने अपने अध्ययन में यह पाया है कि इम्यून सिस्टम के ज्यादा क्रियाशील होने से सारे शरीर में सूजन, निराशा की भावना तथा थकान के लक्षण प्रदर्शित होते हैं। हाल के अध्ययनों से यह बात साफ हुई है कि सूजन का इलाज डिप्रेशन का भी इलाज है। रिसर्चर्स का कहना है कि यह बात स्पष्ट रूप से सही है कि सूजन या फिर जलन की वजह से अवसाद हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि सूजन और अवसाद के बीच गहरा संबंध होता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सूजनरोधी दवाओं के इस्तेमाल से डिप्रेशन के दूर होने के दावों का मेडिकल परीक्षण अगले साल से शुरू हो जाएगा। ऐसे में यह बात पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी कि इन दवाओं के इस्तेमाल से अवसाद का इलाज किया जा सकेगा या नहीं।



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