जलाशयों की प्रतिदिन जल भराव की सतत निगरानी की जाएं: मंत्री सिलावट

Ags 06, 2024

जल संसाधन मंत्री ने किया राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ का निरीक्षण

भोपाल।  जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के विभिन्न लघु, मध्यम और बड़े जलाशयों की प्रतिदिन जल भराव की सतत निगरानी, जल स्तर एवं जल भराव क्षमता प्रतिदिन विभागीय बेवसाइट में दर्ज की जावे एवं इसकी सूचना विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों एवं जिला प्रशासन को दी जाए।

जल संसाधन मंत्री सिलावट द्वारा जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता, बोधी कार्यालय, कोलार रोड भोपाल स्थित विभागीय राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ का निरीक्षण कर वर्तमान मानसून सीजन में विभागान्तर्गत निर्मित बांधों में जल भराव एवं इनसे संबंधित गेटों के ऑपरेशन से संबंधित जानकारी विभागीय अधिकारियों से ली गई।

वर्तमान मानसून सीजन में अभी तक 621 एम.एम. वर्षा दर्ज की जा चुकी है जो कि गत वर्ष से 22 प्रतिशत अधिक है। पूर्वी मध्य प्रदेश में लगभग 19 प्रतिशत अधिक एवं पश्चिमी मध्यप्रदेश में लगभग 26 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। पूर्वी मध्यप्रदेश में सबसे अधिक वर्षा सिवनी जिले में एवं पश्चिमी मध्यप्रदेश में श्योपुर जिले में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में कोई भी जिला वर्तमान में सूखाग्रस्त नहीं है, सबसे कम वर्षा रीवा जिले में दर्ज की गई है।

वर्तमान में विभाग अंतर्गत 54 अति महत्वपूर्ण श्रेणी के बांधों की समीक्षा में पाया गया कि लगभग सभी बांध 75 प्रतिशत तक भर चुके हैं, जो कि वर्तमान स्थिति में विभागीय मापदण्ड अनुसार संतोषजनक है। अभी आधा वर्षा काल का समय शेष है। वर्तमान में बाण सागर लगभग 53 प्रतिशत, बारना 82 प्रतिशत, गांधी सागर 67 प्रतिशत, कोलार 78 प्रतिशत, महान 54 प्रतिशत, राजघाट 80 प्रतिशत अथवा तवा 82 प्रतिशत भर चुका है। इसके अतिरिक्त वर्तमान में 19 बांधों के जल द्वारों से पानी की अतिरिक्त जल की निकासी की पूर्णतः सुरक्षित विभागीय मापदण्डों के अनुसार की जा रही है।

र्वाधिक बरगी बांध में कुल 21 गेटों में से 17 गेटों से जल की निकासी की जा रही है। जल की निकासी के दौरान नर्मदा नदी में बाढ़ को नियंत्रण करने के लिये तवा एवं बारना बांधों से कम मात्रा में जल की निकासी की जा रही है, जिससे कि नर्मदा नदी के निचले इलाकों में स्थिति शहरों में किसी प्रकार के जल भराव की स्थिति निर्मित न हो। 24 घंटे इस पूरी प्रक्रिया की सतत् मॉनीटरिंग की जा रही है। इस हेतु राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ में इन बांधों पर स्थित कैमरे के द्वारा निगरानी की जाती है, जिसका निरीक्षण मंत्री सिलावट द्वारा स्वयं किया गया।


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