मास्टर प्लान 2047 में बाघभ्रमण क्षेत्र खत्म करने की साजिश

Nov 20, 2024

- उच्चतम न्यायालय के आदेश में ग्राम चंदनपुरा, चीचली, मेंडोरा, मेंडोरी और छावनी क्षेत्र वन की श्रेणी में

- स्कूल-कॉलेज के नाम खोला जंगल में निर्माण का रास्ता

भोपाल। राजधानी में  बाघभ्रमण क्षेत्र में नियमों की अनदेखी करते हुए स्कूल-कॉलेज और अस्पताल के लिए जमीन आवंटन हुआ है। चंदनपुरा में शैक्षणिक संस्थान समेत अद सार्वजनिक उपयोग के निर्माण हो रहे हैं।  कलियासोत जलभराव वाले ग्राम खुदागंज, बरखेड़ी खुर्द, बरखेड़ी कला क्षेत्र में भी पीएसएपी दर्शाकर स्कूल-कॉलेजों के लिए निर्माण की तैयारी है।

कलियासोत डैम के नजदीक बाघभ्रमण क्षेत्र को संरक्षित करना था, लेकिन यहां के ग्राम खुदागंज, बरखेड़ी खुर्द, बरखेड़ी कला क्षेत्र के कुछ क्षेत्र डैम के जलभराव क्षेत्र में आते हैं। प्रस्तावित मास्टर प्लान 2031 में इन गांवों के जलभराव क्षेत्रों को पीएसएपी दशार्या गया है। यानि यहां स्कूल, कॉलेज खोले जा सकते हैं। इसी तरह केरवा कोठी से केरवा डैम ग्राम मेंडोरा में वनस्पति उद्यान जो वर्तमान मास्टर प्लान में है, इसकी जगह आवासीय सामान्य पांच में दिखाया गया है। जो कि वाटर बाडी के लिए नुकसानदेह हैं। कलियासोत डैम से उपर ग्राम सिंगपुर के वनस्पति उद्यान क्षेत्र को पीएसपी कर यहां भी निर्माण की राह खोलने के प्रावधान हैं।

   एनजीटी भी ओवरलुक

जबकि, ग्राम चंदनपुरा, चीचली, मेंडोरा, मेंडोरी, छावनी क्षेत्र उच्चतम न्यायालय के 12-12-96 के आदेश में गोधावर्मन में परिभाषित वन की श्रेणी में है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय की रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी ने छह फरवरी 2020 को आदेश दिया था कि क्षेत्र को तीन माह के अंदर जंगल मेपिंग कर नोटिफाइ कर वन विभाग को जंगल की भूमि हस्तांतरित करें।

40 बाघों का भ्रमण क्षेत्र

यह क्षेत्र रातापानी अभ्यारण्य से जुड़ा है। वन विभाग यहां 40 बाघों का भ्रमण क्षेत्र मानता है। यह बाघों का प्रजनन क्षेत्र भी है। इसीलिए भोपाल मास्टर प्लान 2031 में यूआरडीपीएफआइ गाइडलाइन और फारेस्ट एक्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 को लागू करने की मांग की जा रही है।  पर इस तरफ कोई देखनेवाला नहीं है।    


Subscribe to our Newsletter